बेमेतरा:जिले में इन दिनों लॉकडाउन के दौरान बिना डिग्रीधारी झोलाछाप (फर्जी) डॉक्टरों का काला कारोबार चरम पर है. जहां प्रशासन के ढीले रैवये के कारण उनपर कोई भी कार्रवाई होता नजर नहीं आ रहा है. झोलाछाप डॉक्टरों का कारोबार ग्रामीण क्षेत्रों में खूब फल-फूल रहा है. जिले के लगभग सभी गांवों में झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. इसकी जानकारी प्रशासन को भी है. इसके बावजूद प्रशासन ने अबतक कोई भी कार्रवाई नहीं की है. जिसके कारण ऐसे फर्जी डॉक्टरों के हौसले बुलंद हैं. कोरोना काल में शासन की गाइडलाइन को दरकिनार कर ये झोलाछाप डॉक्टर बिना कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के सर्दी, खांसी, बुखार और टाइफाइड-मलेरिया का इलाज कर रहे हैं.
बेमेतरा में धड़ल्ले से चल रहा झोलाछाप डॉक्टरो का कारोबार कलेक्टर के आदेश के बाद भी अबतक नहीं हुई कार्रवाईकोरोना संक्रमण के शुरुआत में ही कलेक्टर ने सभी एसडीएम और बीएमओ को झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. हालांकि कोविड महामारी के कारण यह कार्रवाई भी ठप हो गई. मामले में बेमेतरा के सीएमएचओ डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने कहा कि इसके लिए कलेक्टर के निर्देश पर बीएमओ और एसडीएम की टीम बनाई गई है. जल्द ही कार्रवाई भी की जाएगी.
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जल्द कार्रवाई की जाएगी
बेमेतरा सीएमएचओ डॉ सतीश शर्मा (Bemetra CMHO Dr. Satish Sharma) ने कहा कि जिले में झोलाछाप डॉक्टर, जो नर्सिंग एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं हैं. अगर वो लोगों का इलाज कर रहे हैं. तो यह गलत है. ये अवैधानिक है. इन लोगों पर कार्रवाई करने के लिए टीम का गठन किया गया है. टीम में बीएमओ, पुलिस, अनुविभागीय अधिकारी शामिल हैं. ये लोग समय-समय पर निरीक्षण करते हैं. जल्द ही कार्रवाई भी की जाएगी.
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कोरोना संक्रमण के कारण अभियान बंद
बेमेतरा कलेक्टर शिवअनन्त तायल (Bemetara Collector Shivanant Tayal) ने कहा कि हम बीच-बीच में मुहिम चलाते हैं. हाल ही हमने सर्वे कारया था. कोरोना संक्रमण कम होने के बाद हम ऐसे लोगों को खिलाफ फिर अभियान चलाकार कार्रवाई करेंगे.