बेमेतरा:महिला सहकर्मी से छेड़छाड़ के आरोपी व्याख्याता भुवनेश्वर प्रसाद घिरी को जज आनंद सिंघल ने धारा 506 (कार्यस्थल पर छेड़छाड़) के तहत एक साल का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. वहीं धारा 354 (लैंगिक उत्पीड़न) के मामले में 1 साल का कारावास की सजा सुनाई गई है. प्रशासन की ओर से मामले में लोक अभियोजक दिनेश तिवारी ने पैरवी की है.
न्यायालय ने लेक्चरार को सुनाई सजा मामला 18 सितंबर 2017 का है. जब पीड़ित महिला कर्मियों ने नांदघाट थाने में छेड़छाड़ के मामले में लिखित में शिकायत की थी. जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया था. मामले में पूर्व में न्यायिक मजिस्ट्रेट बेमेतरा के समक्ष शिकायत हुई थी. जहां आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था.
जज ने आरोपी को सुनाया सजा
इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने इसकी शिकायत सत्र न्यायालय में की थी. जिस पर अपीली न्यायालय के पीठासीन अधिकारी आनंद कुमार सिंघल ने फैसला सुनाया. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए अलग-अलग धाराओं के तहत सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
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लैंगिक उत्पीड़न संरक्षण समिति गठित
लोक अभियोजक अधिकारी दिनेश तिवारी ने बताया कि 'कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत महिलाओं को कार्यस्थल पर नियम के प्रावधानों के अनुसार नियोक्ताओं ने महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के संरक्षण के लिए परिवाद समिति का गठन किया जाना है.