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बेमेतरा: लॉकडाउन में सुबह 6 से 11 बजे तक खुलेगी कृषि दवाई की दुकानें

लॉकडाउन की अवधि में कीटनाशकों के दुकान बंद कर दिए जाने से किसान परेशान थे. इसके बाद कृषि विभाग के माध्यम से किसानों ने कलेक्टर तक अपनी बात रखी, जिसके बाद कलेक्टर शिव अनंत तायल ने एक आदेश जारी कर कृषि केंद्र की दुकानों के संचालन के लिए सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक के समय की अनुमति दी है.

बेमेतरा

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Published : Sep 27, 2020, 12:50 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 8:56 PM IST

बेमेतरा :जिले में जहां एक ओर कोरोना संक्रमण का कहर है, वहीं दूसरी ओर धान और सोयाबीन की फसलों पर कीट व्याधा ब्लास्ट और माहों कीट का प्रकोप है, जिससे किसान परेशान नजर आ रहे हैं. किसानों को कीटनाशी और रस चूसक दवाओं का फसलो में छिड़काव करना पड़ रहा है. किसानों की मांग पर कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने उप संचालक कृषि के माध्यम से एक आदेश जारी कर लॉकडाउन की अवधि में कृषि केंद्र के संचालन के लिए सुबह 6 बजे से लेकर 11 बजे तक की अनुमति दी है.

पत्र

बेमेतरा जिला में बड़े तादाद में धान और सोयाबीन की फसल होती है, जिले में इस बार मौसम में लगातार परिवर्तन की वजह से फसलों में फफूंद जनित बीमारी और कीटों का प्रकोप अत्यधिक है, जिसे लेकर किसान परेशान नजर आ रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में कीटनाशकों के दुकान बंद कर दिए जाने से किसान परेशान थे. इसके बाद कृषि विभाग के माध्यम से किसानों ने कलेक्टर तक अपनी बात रखी, जिसके बाद कलेक्टर शिव अनंत तायल ने एक आदेश जारी कर कृषि केंद्र की दुकानों के संचालन के लिए सुबह 6:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक के समय की अनुमति दी है.

दुकान खुलने से कृषकों को मिलेगी राहत

कृषि केंद्र की दुकानों के खुल जाने के बाद किसानों को कृषि दवाई उपलब्ध हो सकेंगी, जिसके छिड़काव से खेतों में कीट बीमारी और माहों का प्रकोप कम हो सकेगा. बता दें कि पहले ही लगातार बारिश से किसानों की सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई थी. वहीं देरी से बोई गई सोयाबीन और धान में बीमारी और कीट का प्रकोप है, जिसके लिए कृषि दवाई का छिड़काव जरूरी हो गया है.

कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह

कृषि दवाई की दुकानें खुलेगी
खेत
उप संचालक कृषि एम.डी. मानकर ने बताया कि पिछले दिनों से खराब मौसम और बारिश के कारण फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिसके कारण फसलों में विभिन्न प्रकार के कीट, पतंगों और रोगों का प्रकोप पड़ने की समस्या आ रही है, जिसका प्रबंधन समय में किया जाना अति आवश्यक है. धान फसल में मुख्य रूप से तना छेदक एवं माहू की समस्या आ रही है. धान के तनाछेदक कीट के नियंत्रण के लिए क्लोरोसाईपर की 300 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से या फोरेट 10 प्रतिशत दानेदार की 4-5 किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रभावित क्षेत्र में किसान छिड़काव कर सकते हैं. इसी प्रकार पूरा माहू से प्रभावित क्षेत्र में इमीडा क्लोप्रीड 17.8 प्रतिशत लिक्विड की 40-50 मि.ग्रा. मात्रा को 250 ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से कीट और रोग नियंत्रण में रहेंगे.
Last Updated : Oct 4, 2020, 8:56 PM IST

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