बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सरकार और बीजेपी में ठन गई है. बारदाने की कमी, धान के उठाव के बाद अब राशि को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं. रविवार को बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने सरकार पर केंद्र के दिए गए 9 हजार करोड़ की राशि का उपयोग ठीक से नहीं करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया.
धान खरीदी को लेकर डी पुरंदेश्वरी और मोहन मरकाम आमने-सामने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान पर बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने पलटवार किया. डी पुरंदेश्वरी ने कहा कि 28.1 लाख मीट्रिक टन की जो पूर्ति करनी थी उनको, उसको अगर आप कनवर्ट करें तो हर क्विटंल पर 1815 रुपए और हैंडलिंग चार्ज 350 रुपए प्रति क्विंटल हुआ. इस तरह कुल 9 हजार करोड़ ही हो रहा है. ये भारत सरकार ही दे रही है, प्रदेश सरकार नहीं.
मरकाम के बयान पर दिया जवाब
पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा था कि बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी गलत बयान दे रही हैं कि केंद्र ने धान खरीदी के लिए 9 हजार करोड़ का अग्रिम भुगतान किया है. केंद्र ने कोई भुगतान नहीं किया. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मार्कफेड के जरिए धान खरीदी करती है. मार्कफेड विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेता है और ब्याज समेत वापस करता है. इस साल 16 हजार करोड़ कर्ज लेने की योजना है. 9 हजार 5 सौ करोड़ का लोन मार्कफेड ने नेशनल कॉपरेटिव डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से लिया. केंद्र सरकार ने एक पैसे की सहायता नहीं की.
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए आरोप
मोहन मरकाम ने बीजेपी पर किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार किसानों के साथ खड़ी है. भाजपा धान खरीदी को बाधित करने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ भाजपा नेताओं की मंशा के तहत धान खरीदी में अड़ंगा डाल रही है.