बलौदाबाजार: नौकरी लगाने के नाम पर 20 करोड़ की ठगी करने वाली मेवा चोपड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी मेवा चोपड़ा को पुलिस ने देर रात घेराबंदी कर उसी के घर से गिरफ्तार किया है. मेवा बीते 5 महीनों से फरार चल रही थी. मेवा चोपड़ा पूर्व में महिला एवं बाल विकास अधिकारी के पद पर पदस्थ थी.
पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बलौदाबाजार सहित प्रदेश के अन्य जिलों के लगभग 200 बेरोजगारों से करीब 20 करोड़ रुपए की ठगी की आरोपी महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व अधिकारी मेवा चोपड़ा और उसके 5 अन्य साथियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. जिसके बाद से सभी आरोपी फरार थे. साथ ही उसका मोबाइल भी बंद था. पुलिस लगातार आरोपियों के पते-ठिकानों को ट्रेस कर रही थी.
मामले में अब तक तीन की गिरफ्तारी
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मेवा कुछ जरूरी दस्तावेज लेने गुपचुप तरीके से बलौदाबाजार स्थित घर पर आई थी. मुखबिर ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी. सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी मेवा चोपड़ा को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले नवंबर महीने में पुलिस ने 2 आरोपी दलबीर परस्ते और कुंदन सिंह को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ की जा रही थी. पुलिस ने बताया कि ठगी का मास्टरमाइंड और मामले का मुख्य आरोपी अशोक पांडे अभी भी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है.
पढ़ें: महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व सुपरवाइजर समेत 6 लोगों पर FIR दर्ज
क्या है मामला ?
महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व पर्यवेक्षक मेवा चोपड़ा ने करीब 200 बेरोजगारों को नौकरी का लालच देकर लगभग 20 करोड़ रुपये की ठगी की थी. जिसकी शिकायत पीड़ितों ने बलौदाबाजार सिटी कोतवाली थाने में की थी. पीड़ितों ने थाने में शिकायत के साथ-साथ रुपये के लेन-देन का ऑडियो और वीडियो भी पुलिस को सौंपा था. शिकायत की भनक लगते ही मेवा चोपड़ा फरार थी. इस मामले में पुलिस पर एफआई दर्ज नहीं करने का भी आरोप लगा था.