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किसानों के फर्जी दस्तावेज से करोड़ों का गोलमाल, न्यायालय की शरण में 540 किसान

बैंक ऑफ महाराष्ट्रा से लेवई गांव के 540 फर्जी किसानों के नाम से दलालों ने करोड़ों का लोन निकालकर किसानों को कर्ज में डुबा दिया. इस काले कारनामे में तत्कालीन बैंक मैनेजर और दलालों की साठगांठ से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है.

किसानों के फर्जी दस्तावेज से करोड़ों का गोलमाल

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Published : Jun 16, 2019, 10:48 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 10:55 PM IST

बलौदा बाजार:जिले के भाटापारा विधानसभा में बैंक ऑफ महाराष्ट्रा से 540 फर्जी किसानों के नाम से करोड़ों का लोन निकालने का मामला सामने आया है. इस काले कारनामे में तत्कालीन बैंक मैनेजर और दलालों की साठगांठ से फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया है. इस कारनामे से संबंधित दो आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है.

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बता दें कि 2016-17 में 540 फर्जी किसानों के नाम पर तत्कालीन बैंक मैनेजर और दलालों की साठगांठ से फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसमें विधानसभा के लेवई ग्राम में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्रा से लगभग 6 करोड़ का लोन निकाला गया हैं. इसमें से ज्यादातर बेमेतरा जिला के किसान हैं, जिनके फर्जी नक्शा-खसरा, फर्जी सील, हस्ताक्षर कर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया गया हैं.

फर्जी हस्ताक्षर से करोड़ों के लोन
वैसे तो बैंक के मैनेजर इतने महरबान नहीं होते, लोन के लिए हजारों बार बैंक के चौखट का चक्कर लगाना पड़ता है, उस दहलीज का चक्कर लगा कर किसान थक जाते हैं, फिर भी लोन नसीब नहीं होता, लेकिन इस बैंक ने तो हजारों किसानों को फर्जी दस्तावेजों में करोड़ों बांट दिए, इस कारनामे में बैंक मैनेजर से लेकर पूरे कर्मचारी लिप्त थे, जिसमें एक बैंक मैनेजर का असिस्टेंट तो दूसरा किशोर कुर्रे जो फर्जी दस्तावेज बनाने में माहिर है.

हस्ताक्षर फर्जी नोट असली
फर्जी दस्तावेज, फर्जी हस्ताक्षर, फर्जी फोटो, लेकिन नोट असली, करोड़ों का बंदरबाट, लेकिन किसान नकली. कागज में जरुरतमंद को लोन, लेकिन हकीकत में दलालों को लोन, जिनको साल बीत गए लोन के लिए उस दहलीज की चक्कर लगाते, उनके खातों में आज लाखों के लोन, आश्चर्य हैं ये किसान, बैंक मैनेजर और दलालों ने निर्दोष किसानों को हमेशा के लिए कर्जदार बना दिया.

बैंक मैनेजर का गोलमोल जवाब
बैंक में एक आस लेकर गए थे कि यहां से कुछ जानकारी मिलेगी, कौन निकाल लिया लाखों रुपए फर्जी हस्ताक्षर करके, लेकिन बैंक मैनेजर ने किसानों को गोलमोल जवाब देते नजर आए. इतना ही नहीं जब बैंक में मीडिया ने दस्तक दी तो बैंक मैनेजर ने जोनल अधिकारियों से बात करने का रास्ता दिखा दिया. ऐसे में बैंक के सभी कर्मचारी और अधिकारी मामले में संलिप्त नजर आ रहे हैं.

न्यायालय की शरण में किसान
आखिर में किसानों ने थक हारकर न्यायालय की शरण में जाने का फैसला लिया, जिसके लिए कुछ किसानों ने पहल भी किया और शिकायत दर्ज कराना शुरु किया. शिकायत दर्ज करने के बाद महकमें से एक आस उठी कि गरीब किसानों को उस काले कारनामें से छुटकारा मिलेगी, जिसको इन्होंने अंजाम ही नहीं दिया. फिलहाल पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से कम्प्यूटर, टैपटॉप समेत प्रिंटर जब्त किया है.

Last Updated : Jun 16, 2019, 10:55 PM IST

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