बलौदाबाजार : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोधन न्याय योजना और रोका-छेका जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि कोई भी गौपालक अपने गायों को बाहर न छोड़े, लेकिन कसडोल नगर पंचायत और आस-पास के गांवों में ये योजना पूरी तरह से फेल नजर आ रही है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने गायों को रात के समय गौठान से छोड़ने का आदेश दिया था. रात के समय गौठान से छोड़ने के बाद सभी गाय कसडोल नगर पंचायत के मुख्य मार्ग में जाकर बैठ जाती है, जिससे आने-जाने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जानकारी के मुताबिक गायों के सड़कों पर बैठे रहने के कारण आए दिन हादसे भी होते रहते हैं. वहीं सड़क हादसे में गायों की मौत भी हो रही है.
लगातार हादसे के शिकार हो रहे हैं मवेशी
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरुवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत पूरे प्रदेश में 20 हजार गौठानों का निर्माण किया जाना है, लेकिन कसडोल विकासखंड में मवेशियों की दुर्दशा अब भी बरकरार है. कसडोल और आस-पास के क्षेत्रों में मवेशी लगातार हादसे का शिकार हो रहे हैं, जिसकी वजह से मवेशियों की मौतें हो रही है.