बालोद: शिक्षण सत्र का साल तो बदला, लेकिन स्कूल का हाल जस का तस बना हुआ है. लोहारा विकासखंड के पापरा गांव में पालक अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं. स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. ऐसे में कभी भी बिल्डिंग गिर सकती है और बड़ा हादसा हो सकता है.
अधिकारियों को ग्रामीणों का अल्टीमेटम पालकों ने स्कूल खाली करवाकर बच्चों को पुराने पंचायत भवन में शिफ्ट करा दिया है. स्कूल भवन में अब सिर्फ मिड-डे मील बनता है. पुराने पंचायत भवन से लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर बच्चों को भोजन करने स्कूल जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत की गई है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बारिश में तालाब बन जाता है स्कूल
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में स्कूल की हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती है. बारिश के मौसम में स्कूल भवन झरने और तालाब में तब्दील हो जाता है. वहीं स्कूल के कार्यालय में प्लास्टिक लगाकर काम चलाया जा रहा है. स्कूल शिक्षक एसके निर्मलकर ने बताया कि विभाग को अवगत कराने के साथ-साथ कई जगहों पर इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन अधिकारी बस रिपेयरिंग की बात करते हैं.
प्रदर्शन करने की दी चेतावनी
गांव के सरपंच खेमराज उइके ने बताया कि स्कूल के लिए 2017 से आवेदन देते आ रहे हैं, पर कोई परिणाम नहीं निकला. उन्होंने बताया कि आगर ऐसा ही चलता रहा तो पालक अपने बच्चों को पढ़ाने की बजाए शासकीय स्कूल में ताला लगाकर प्रदर्शन करेंगे.