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नल से निकल रहा गंदा पानी, नए कलेक्टर ने कहा- 'जल्द सुधारेंगे व्यवस्था' - छत्तीसगढ़ न्यूज

बालोद शहर में साफ पानी की व्यवस्था आज तक नहीं हुई. नलों से गंदा पानी निकल रहा है, जिले के नए कलेक्टर जनमेजय महोबे ने शहरवासियों को जल्द साफ पानी मुहैया कराने का आश्वासन दिया है.

problem of Clean water
गंदे पानी की समस्या

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Published : May 31, 2020, 5:21 PM IST

Updated : May 31, 2020, 5:37 PM IST

बालोद: बालोदवासियों को शुद्ध जल देने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में जल आवर्धन योजना की शुरुआत तत्कालीन भाजपा सरकार ने की थी. इसके बाद धीरे-धीरे काम होना शुरू हुआ, ठेकेदार भी बदलें गए, निर्माण कार्य में तेजी लाने का हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन आज 8 साल बीत जाने के बावजूद भी नगरवासी पीने के साफ पानी की समस्या से जुझ रहे हैं. नलों से गंदा पानी आ रहा है.

बालोद में नलों से निकल रहा गंदा पानी

वर्तमान नगर पालिका की ओर से सरकार बनने के 1 साल के अंदर ही शहरवासियों को शुद्ध जल देने का दावा किया गया था, लेकिन दावे धरे के धरे रह गए. अब बालोद जिले में नए कलेक्टर जनमेजय महोबे ने पदभार ग्रहण किया है. उन्होंने कहा कि जल आवर्धन के संदर्भ में अधिकारियों से चर्चा की है और अब उनका लक्ष्य है कि जल्द शहरवासियों को साफ पानी मिल जाए.

नगर पालिका में कांग्रेस की सरकार है, इससे पिछले कार्यकाल में भी कांग्रेस की ही सत्ता नगरी निकाय में काबिज थी. तब राज्य में बीजेपी की सरकार थी, ऐसे में नगर पालिका की ओर से भाजपा सरकार पर ध्यान न देने का आरोप लगाया जाता था. अब भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश में है तो, भाजपा कह रही है कि हमारी सरकार ने तो अपना कर्तव्य निभा दिया था अब इनकी सरकार कुछ भी नहीं कर पा रही है. आज भी शहर में नल से लाल गंदा पानी निकलता है. यह परियोजना शुरू होती तो नया पाइपलाइन और फिल्टर युक्त पानी शहरवासियों को मिल पाता.

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इस योजना पर एक नजर-

  • पहले तो तांदुला जलाशय से पानी को पंप हाउस में लाया जाएगा.
  • पंप हाउस में पानी फिल्टर करने के बाद गंजपारा स्थित टंकी में स्टोर किया जाएगा.
  • स्टोर के माध्यम से पूरे शहर में पानी देने करने की योजना है.

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 6 महीने से 90 फीसदी कार्य पूरा होने की बात कही जा रही है. केवल मशीन लगने का काम बचा हुआ है, ऐसा विभाग का कहना है. लेकिन आज तक मशीन लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को मिलाकर योजना की कुल लागत 24 करोड़ रुपए है. पाइपलाइन भी बिछाया जा चुका है. अब शहरवासियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस योजना का लाभ उन्हें मिले.

Last Updated : May 31, 2020, 5:37 PM IST

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