बालोद: वैश्विक महामारी घोषित कोरोना वायरस की वजह से भारत में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. इस वजह से कोई भी व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पा रहा है. छत्तीसगढ़ में भी इसका असर देखने को मिला. सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूरों को हो गई है, जो अपना घर छोड़कर दूसरो जिलों में कार्यरत हैं.
कांकेर में फंसे मजदूरों को दिया गया राशन बालोद और राजनांदगांव जिले के करीब 30 मजदूरों का एक समूह कांकेर जिले के धुर नक्सल क्षेत्र ग्राम भैंस गांव में फंसा हुआ था, जिन्हें जिला प्रशासन और श्रम विभाग की मदद मिली है.
राशन और दैनिक उपयोग की चीजें कराई गई उपलब्ध
जिले में श्रम सचिव को हेल्पलाइन नंबर के जरिए मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली जिसके बाद बालोद कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर बालोद के लेबर ऑफिसर ने समस्या का तत्काल निराकरण कराया. लेबर ऑफिसर ने अपने विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की मदद से समस्त मजदूरों के लिए ग्राम भैंस गांव में राशन और दैनिक उपयोग की वस्तुएं पहुंचाई गईं, जिसके बाद मजदूर राहत की सांस ले रहे हैं.
जहां मजदूर फंसे हुए हैं वह इलाका नक्सल क्षेत्र में आता है और आसपास का वह क्षेत्र बीएसएफ के कब्जे वाले क्षेत्र के तहत शामिल है जिस कारण प्रमुखता से उसे बंद कर दिया गया था.