बालोद:जिले के दुधली गांव के मिडिल स्कूल के सरकारी फर्नीचर इन दिनों कलकसा के एक प्राइवेट हॉटल में सजे हुए हैं. सरकारी स्कूल की संपत्ति प्राइवेट होटल में पहुंचने की जानकारी शिक्षकों से ली गई, तो मामला कुछ और नजर आया. यहां जिम्मेदार प्रधान पाठक का कहना है कि स्कूल में जगह न होने के कारण इस फर्नीचर को होटल मालिक को मकान में सुरक्षित रखने के लिए दे दिया गया है.
शिक्षक ने बताया कि फर्नीचर को सुरक्षित जगह में रखने के लिए दिया गया था, लेकिन होटल मालिक शासकीय संपत्ति का निजीकरण करते हुए अपने होटल में ही लगा लिया. जहां लोग नाश्ता करने बैठते हैं. बेंच और टेबल की जानकारी ली गई, तो पता चला कि 20 टेबल और 21 बेंच हैं, जो निजी होटल की शोभा बढ़ा रहे हैं. वहीं जिम्मेदार लोग गैर जिम्मेदाराना जवाब दे रहे हैं.
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क्वॉरेंटाइन सेंटर के कारण दिया था फर्नीचर
दुधली मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक बीसी देशलहरा ने बताया कि स्कूल को कोरोना काल में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया था. जगह न होने के कारण मैंने होटल मालिक देवेन्द्र देवांगन को मकान में रखने के लिए फर्नीचर को दिया था. मुझे नहीं मालूम था कि वह उसे होटल में उपयोग कर रहा है.
शासकीय संपत्ति का दुरुपयोग गैरकानूनी
इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा की गई, तो उन्होंने कहा कि शासकीय संपत्ति को निजी रूप से उपयोग करना गैरकानूनी है. वह भी शिक्षा विभाग का मामला है. अब आगे क्या होता है यह देखने वाली बात है. केवल होटल संचालक पर ही गाज गिरती है या फिर स्कूल प्रबंधन भी लपेटे में आता है.