बलरामपुर : धंधापुर ग्राम पंचायत में महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए रेशम उत्पादन पर दस करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की गई, लेकिन इससे गांव की एक भी महिला को रोजगार नहीं मिला है. पूरी योजना आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है. गांव में 250 एकड़ में रेशम उत्पादन के लिए पौधे लगाए गए थे, लेकिन सब बेकार हो गए हैं. आज हालात ये हैं कि महिलाएं इस योजना को कोसते नजर आ रही हैं और कह रही हैं कि सपने तो बहुत दिखाए गए, लेकिन उन सपनों को पूरा करने से पहले ही तोड़ दिया गया. मामला जब मीडिया में आया तो एसडीएम अब जांच की बात कर रहे हैं.
दरअसल, धंधापुर में फॉरेस्ट और राजस्व विभाग को मिलाकर एनजीओ की मदद से लगभग 250 एकड़ में 90 हजार पौधे लगाए गए थे. गांव की महिलाओं को समूह के माध्यम से इन पौधों को लगाने की जिम्मेदारी दी गई थी. महिलाओं को यह कहा गया था कि इससे उन्हें काफी लाभ मिलने वाला है और उनकी जिंदगी संवर जाएगी, लिहाजा महिलाओं ने बड़े ही उत्साह के साथ रेशम के पौधे लगाए और काफी मेहनत भी की, लेकिन महिलाओं की मेहनत आज बेकार हो गई है. पौधे फुट में तब्दील हो गए हैं और उन्हें पैसे के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है. महिलाओं ने बताया कि उस दौरान जो उन्होंने काम किया था उसका पैसा भी उन्हें नहीं दिया गया है, जिससे वे काफी निराश हैं.
नहीं मिल मेहनत का फल
लगभग 250 एकड़ में जब पौधे लगाए गए थे, तो इसमें गांव के महिलाओं की मदद के लिए पुरुष वर्ग के लोगों को भी शामिल किया गया था. कुछ पुरुषों ने भी पौधे पर मेहनत की थी और उन्हें उम्मीद थी कि बेहतर कमाई होगी, लेकिन आज पौधों की हालत देखकर वे भी बेहद दुखी हैं. उन्होंने कहा कि पौधे लगाए जाने के बाद कभी भी न तो एनजीओ के आदमी आए और ना ही अधिकारियों ने उनकी मदद की.