आईटी सेक्टर की नौकरी छोड़ चुनी खेत की राह, अब बना बागवानी का बादशाह !
Success Story Of Balrampur Farmer Raja Tiwari: बलरामपुर के रहने वाले राजा तिवारी आईटी सेक्टर की नौकरी छोड़कर खेती किसानी कर रहे हैं. इन्होंने पहले तो बागवानी से अपना स्टार्टअप शुरू किया. अब दो कंपनियों के माध्यम से लाखों में कमाई कर रहे हैं.
बागवानी से किया स्टार्टअप अब लाखों में हो रही कमाई
बलरामपुर:कहते हैं कि अगर हौसले बुलंद हो तो मंजिल आसान हो जाती है.कुछ ऐसा ही बलरामपुर के राजा तिवारी के साथ भी हुआ. राजा आईटी सेक्टर की नौकरी सालों पहले छोड़ कर एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अपना भविष्य संवार रहे हैं. मौजूदा समय में राजा लाखों की कमाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं, वे दूसरे युवाओं को फिर इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
आइए आपको बताते हैं बलरामपुर के राजा तिवारी की सक्सेट स्टोरी...
राजा तिवारी के उगाए फल दूसरे राज्यों में हो रही सप्लाई: दरअसल, बलरामपुर जिले के आरागाही के रहने वाले राजा तिवारी ने बी-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलिकम्युनिकेशन से ग्रेजुएशन करने के बाद आईटी सेक्टर में नौकरी पाई. हालांकि लाखों रुपए के पैकेज की नौकरी छोड़कर उन्होंने बागबानी से अपना स्टार्टअप करने का फैसला किया. आज वो खेती के माध्यम से ही लाखों की कमाई कर रहे हैं. रामानुजगंज के राजा तिवारी ग्राम पंचायत आरागाही में अपनी नर्सरी और बागवानी का काम कर रहे हैं. सैकड़ों वेराइटी के फल-फूल के साथ उन्होंने औषधीय पौधे लगाकर कमाई शुरू की है. उनके द्वारा उगाए गए फल दूसरे शहरों में भी सप्लाई हो रही है. खेती बागवानी में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर ये तरक्की कर रहे हैं.
क्या कहते हैं राजा तिवारी: इस बारे में राजा तिवारी से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "आईटी सेक्टर की नौकरी छोड़कर एग्रीकल्चर के क्षेत्र में में आया. सिजेंटा जैसी कंपनियों में काम किया. साल 2018 में मुझे लगा कि शायद इस क्षेत्र में और काम करना चाहिए. फिर अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर इंडो ग्रीन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की. जब मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर देखा कि किसान कैसे ट्रेडिशनल खेती कर रहे हैं? उसके बाद मैंने इस दिशा में काम करना शुरू किया. मैंने देखा कि फलों की खेती में पर्याप्त मुनाफा आता है. मैंने साल 2021 में अपना फर्म बनाया. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड, जो बहुत सारी योजनाओं में सब्सिडी देती है. उसके तहत मैंने बलरामपुर जिले में काम किया. मैंने जब यह स्टार्टअप किया, तो बहुत कम रिस्पॉन्स मिल रहा था. हालांकि समय के साथ-साथ लगातार कामयाबी हासिल होती रही. मैंने देखा कि फलों की खेती में अधिक मुनाफा हो रहा है. जिले में करीब 100 एकड़ में फ्रूट फार्मिंग कर रहा हूं. मुझे भरोसा है कि 2025 तक बलरामपुर जिले में लगभग 500 करोड़ का फ्रूट फ्लावर एंड वेजिटेबल कल्टिवेशन का एडवांस मेथड से मार्केट बनेगा."
2018 में पांच दोस्तों के साथ शुरू की कंपनी:राजा तिवारी ने साल 2018 में अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर इंडो ग्रीन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की. धीरे-धीरे कंपनी ग्रॉथ करने लगी. लेकिन इन्होंने अपनी अलग राह बनाने की सोची. फिर साल 2021 में अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया.राजा तिवारी युवाओं को खेती बागवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं. आज के दौर में जहां लोग अपनी नौकरी के लिए परेशान रहते हैं. वहीं, राजा तिवारी जैसे युवा कृषक उद्यमी क्षेत्र के दर्जनों लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. साथ ही लाखों रुपए की कमाई भी कर रहे हैं. जिन लोगों को ये लगता है कि खेती किसानी करने से कोई लाभ नहीं है, ऐसे लोगों के लिए राजा एक प्रेरणा है.