बलरामपुर :सहकारी समितियों में रखे धान का उठाव अब तक नहीं किया गया है. हजारों बोरियां धान समितियों में रखी हुई हैं. कभी बारिश तो कभी कीटों की वजह से धान बर्बाद हो रहा है. जिले में तकरीबन 35 हजार बोरी धान खुले में रखी हुआ है, जो आजकल मवेशियों का चारा बना हुआ है. महावीरगंज की समिति में ये नजारा देखने को मिला. राज्यसभा सांसद ने वीडियो ट्वीट कर सरकार की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा है.
बलरामपुर रामानुजगंज जिले में 40 धान खरीदी केंद्र है, जहां से धान की खरीदी की गई है. धान की खरीदी 31 जनवरी तक की गई थी और अनुबंध के अनुसार 72 घंटे के अंदर धान का उठाव हो जाना चाहिए था, लेकिन जिला विपणन अधिकारी की लापरवाही के कारण 3 महीने बाद भी धान का उठाव नहीं हो सका है. जबकि अधिकांश समितियों में खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल धान आज भी पड़ा हुआ है. कई बार सहकारी समितियों के धान खरीदी प्रभारियों ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों से पत्र के जरिए स्थिति की जानकारी दी थी. बावजूद इसके किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. अब हालात ये है कि धान मवेशियों का चारा बन चुका है.
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सांसद ने उठाए सवाल