बलरामपुर: कोरोनाकाल में बलरामपुर की बैंक सखियों ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है. छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसा बलरामपुर एक आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां की बैंक सखियों ने लॉकडाउन के दौरान अपनी मेहनत से ग्रामीणों के घरों में रुपयों की कमी नहीं होने दी . इनके जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इस मुश्किल दौर में रफ्तार मिली है. ग्रामीण लोगों को कैश की किल्लत से दो चार नहीं होना पड़ा. लॉकडाउन में गांव का संपर्क शहरों से टूट गया, लेकिन बैंक सखियों ने गांव में बैंक की कमी महसूस नहीं होने दी.
ऐसे में ग्रामीण कोरोना वायरस से अपना बचाव भी कर पा रहे हैं, साथ ही बैंकों में भीड़ भी नहीं हो रही है. इसके अलावा ग्रामीणों का मनरेगा मजदूरी, गैस सब्सिडी, वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन को घर-घर पहुंचाने के लिए ये बैंक सखी काम कर रही हैं. बैंक सखियों ने ग्रामीणों के साथ ही खुद का भी ख्याल रखा है. ग्रामीण इलाकों में जाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रख रहीं हैं. ग्रामीण शासन के नियमों का पालन भी कर रहीं हैं. मास्क ,सैनिटाइजर और ग्लब्स का प्रॉपर इस्तेमाल भी कर रहीं हैं.
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