सरगुजा में बदला मौसम का मिजाज: मूसलाधार बारिश से लोगों को मिली उमस भरी गर्मी से राहत - Meteorologist Akshay Mohan Bhatt
सरगुजा में मौसम बदल गया है. गुरुवार दोपहर को झमाझम बारिश हुई है. मूसलाधार तेज बारिश के बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. (torrential rain in Surguja)
सरगुजा में बदला मौसम का मिजाज
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Published : Jul 8, 2021, 10:56 PM IST
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Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
सरगुजा:जिले में मौसम बदल गया है. लोगों को बेसब्री से बारिश का इंतजार था. उनका इंतजार अब खत्म हो गया है. गुरुवार की दोपहर अंबिकापुर में जोरदार मूसलाधार बारिश हुई है. बारिश के बाद से मौसम भी बदल गया है. (change in weather) दरअसल मानसून की दस्तक के बाद से सिर्फ 3 दिन ही बारिश हुई थी. इसके बाद से रोजाना तेज धूप और उमस वाली गर्मी से लोग हलाकान थे. बुधवार की रात से मौसम में बदलाव शुरू हुआ था. अब लोग गर्मी से राहत की सांस ले रहे हैं.(torrential rain in Surguja)
सरगुजा में बदला मौसम का मिजाज
मौसम में हुए इस बदलाव को लेकर मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट (Meteorologist Akshay Mohan Bhatt) ने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून पिछले तीन सप्ताह से पाकिस्तान की ओर से आने वाली विपरीत दिशा के पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित है. अभी भी वह बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला और अमृतसर में ही रुका हुआ है. अनुमान है कि 8 जुलाई से बंगाल की खाड़ी से वायुमंडल के निचले भाग में नमीयुक्त पूर्वी हवा चलेगी जो आगे बढ़ कर उत्तर पश्चिम भारत तक पहुंच कर मानसून को गति प्रदान करेगी. इन नम पुरवईयों से निर्मित अनुकूल परिस्थितियों से 10 जुलाई के आसपास मानसून पश्चिमी उत्तरप्रदेश के शेष भाग, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित दिल्ली तक पहुंच सकता है.
छत्तीसगढ़ के परिप्रेक्ष्य में वर्षा की अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है. समुद्री सतह की ऊंचाई वाली द्रोणिका इस समय पश्चिमोत्तर उत्तरप्रदेश से पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमालयन, पश्चिम बंगाल से होते हुए त्रिपुरा तक विस्तृत हो रहा है. 1.5 किमी ऊंचाई के स्तर की एक द्रोणिका उत्तरी ओडिशा से गांगेय पश्चिम बंगाल तक और एक अन्य द्रोणिका पूर्वोत्तर बिहार से उत्तरपूर्व झारखंड होते हुए दक्षिणी तटीय ओडिशा तक विकसित हो रहा है. विदर्भ के आसमान पर भी एक द्रोणिका सक्रिय है. इनके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में गरज चमक के साथ वर्षा हो रही है.
रायपुर मौसम विभाग के अनुसार एक द्रोणिका झारखंड से उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. दूसरा द्रोणिका उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश से उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक, दक्षिण बिहार उत्तर झारखंड और गंगेटिक पश्चिम बंगाल होते हुए मध्य समुद्र तल पर स्थित है. एक चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है. जिसके प्रभाव से मौसम में बदलाव आ सकता है.