सरगुजा: कोरोना वायरस का दंश पूरा विश्व झेल रहा है. इस कोहराम से बचने के लिए चारों तरफ लॉकडाउन घोषित है, लेकिन कोविड-19 देश के कई इलाकों में अपने पैर पसार चुका है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में कोरोना को लेकर काफी एहतियात बरते गए हैं, जिससे जिलों को कोरोना वायरस की चपेट से बचाया जा सका है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिला सरगुजा में हालात सामान्य हैं.
सरगुजा कोरोना से सुरक्षित वैसे आबादी और कोविड-19 की जांच के आंकड़े में बड़ी गहरी खाई दिखती है, लाखों की आबादी में महज कुछ सौ लोगों की ही जांच की जा सकी है, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह जिले सरगुजा में हालात सामान्य हैं, स्वास्थ्य मंत्री खुद जिले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. दरअसल यह रैंडम सैंपलिंग का नतीजा है कि स्वास्थ्य अमला, जिला प्रशासन सब संतुष्ट हैं कि सरगुजा सुरक्षित है, हालांकि पड़ोसी जिले सूरजपुर में पॉजिटिव केस मिलने के बाद जांच की स्पीड बढ़ाई गई है, लेकिन सरगुजा में रैंडम सैम्पलिंग का फार्मूला अब तक तो सफल साबित हो रहा है, ऐसे में वन टू वन सैंपलिंग का औचित्य भी नहीं है.
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RTPCR से 391 टेस्ट किए गए
सरगुजा जिले की जनसंख्या 23 लाख 59 हजार 886 है, जबकि अकेले नगर निगम अंबिकापुर क्षेत्र की जनसंख्या डेढ़ लाख है. जिले में एक्टिव सरवालेन्स के लिए रैपिड टेस्ट किट का उपयोग शुरू किया जा चुका है, रैपिड टेस्ट में आरडी किट से अब तक 77 लोगों की जांच में सभी निगेटिव पाए गए हैं. वहीं RTPCR से 391 टेस्ट हुए हैं, जिनमें 252 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, वहीं 139 लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.
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कैसे राहत देती है रैंडम सैंपलिंग ?
इसे ऐसे समझना पड़ेगा की मानिए आपके घर में 7 सदस्य हैं, जिनमें से किसी एक का टेस्ट किया जाता है. वह निगेटिव पाया जाता है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि घर में और आपके संपर्क में रहने वाले सभी लोग सुरक्षित होंगे. इसी फार्मूले के तहत स्वास्थ्य विभाग ने कुछ ऐसे सामुदायिक टेस्ट किए जिनसे बड़े स्तर पर संक्रमण होने का खतरा हो सकता था. ऐसी सेवाएं जिन्में कर्मचारी लॉकडाउन अवधि में भी रोजाना की तरह काम कर रहे हैं, एक-दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं, इनमें सबसे अहम थी स्वच्छता दीदी जो रोजाना अंबिकापुर के हर घर से कचरा लेने जाती हैं. लिहाजा ये एक ऐसी कम्युनिटी है, जिसके जरिये पूरे शहर के संक्रमण का आकलन किया जा सकता था.
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पत्रकारों का भी किया गया रैंडम टेस्ट
साढ़े 5 सौ स्वच्छता दीदियों में से ऐसी 18 का चयन किया गया, जो लगातार सभी के आपसी संपर्क में आती हैं, इसके बाद, पुलिस कर्मी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी और पत्रकारों का भी रैंडम टेस्ट किया गया और राहत की बात यह है कि इन सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. हालांकि टेस्ट की संख्या पर को गौर किया जाए, तो स्थिति संतोषजनक नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और एक्सपर्ट चिकित्सक जिस फार्मूले के तहत काम कर रहे हैं, उसे बारीकी से समझने के बाद आप भी राहत की सांस ले सकते हैं.
स्वास्थ्य विभाग ANM की भी लगा सकता है ड्यूटी
इसके अलावा जिले में टेस्ट की सुविधा के लिए प्रत्येक विकासखंड मुख्यालय के अलावा मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर और अर्बन पीएससी नवापारा में कोरोना की जांच के लिए सैंपल कलेक्ट करने का काम किया जा रहा है, जिले में 30 से अधिक लैब टैक्नीशियन ट्रेंड हैं, इसमें और भी लोग ट्रेंड किए जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग आवश्यकता पड़ने पर एएनएम को भी प्रशिक्षित कर कोरोना जांच में लगा सकता है.