सरगुजा :अंबिकापुर के रहने वाले 29 वर्षीय राहुल गुप्ता छत्तीसगढ़ के पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया है. इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने इन्हें माउंटेन मैन की उपाधि दी. राहुल गुप्ता ने एवरेस्ट फतह करने के साथ दूसरे पर्वतों पर भी चढ़ाई की है. राहुल की माने तो वो एवरेस्ट फतह करने के लिए साल 2014 से कोशिश कर रहे थे.लेकिन उन्हें कामयाबी 2018 में मिली. जिसके बाद उन्हें माउंटेन मैन की उपाधि से नवाजा गया.
कैसे माउंटेन मैन बने राहुल ? :ईटीवी भारत से खास मुलाकात में राहुल गुप्ता ने कहा कि परिवारवाले उन्हें अफसर बनाना चाहते थे.इसलिए 12वीं के बाद राहुल दिल्ली में तैयारी करने के लिए चले गए. जहां उन्होंने जियोग्राफी विषय में ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली के सेठ किरोड़ीमल कॉलेज में एडमिशन लिया. खेल के प्रति राहुल का शुरु से ही रूझान रहा है. इसलिए पहले उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज का हाइकिंग क्लब जॉइन करना चाहा. लेकिन किरोड़ीमल कॉलेज का स्टूडेंट होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं मिला.कुछ अलग करने की चाह लिए राहुल ने माउंटेनिंग का कोर्स करने की ठानी.बस फिर क्या था कोर्स में एडमिशन लेने के बाद राहुल ने शुरु किया एवरेस्ट फतह करने का सफर.
'' कॉलेज ने निकाल दिया था. तब ये ठाना की कुछ ऐसा करना है जिससे मेरा नाम देश में हो. उस कॉलेज में उसे सम्मान मिल सके"- राहुल गुप्ता, माउंटेनियर
कब से शुरु किया एवरेस्ट फतह का अभियान :राहुल गुप्ता ने रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थान जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियर से एक माह का बेसिक और एक माह का एडवांस प्रशिक्षण लिया है. माउंटेनिंग का कोर्स करने के बाद राहुल गुप्ता ने पहली बार 2014 में जब एवरेस्ट फतह करने की कोशिश की.लेकिन इस दौरान नेपाल में भूकंप आ गया,जिसके कारण उन्हें अपना मिशन अधूरा छोड़ना पड़ा. इसके बाद साल 2016 में राहुल ने दूसरी बार एवरेस्ट पर चढ़ाई की.लेकिन ठंड की वजह से राहुल की स्किन बर्न हो गई और तबीयत बिगड़ गई. जिसके कारण राहुल को वापस लौटना पड़ा.