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Bismillah Khan of Surguja : सोशल मीडिया से पॉपुलर हुई सरगुजिहा शहनाई, मोहरी वादन ने लोगों को बनाया दीवाना

शहनाई वादन का जब भी जिक्र होता है तो उस्ताद बिस्मिल्ला का नाम हम सभी के जेहन में आ जाता है. उस्ताद बिस्मिल्ला खान की शहनाई और उनकी धुनों ने ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया में अपना लोहा मनवाया है.लेकिन आज हम आपको सरगुजा के बिस्मिल्ला खान से मिलाने जा रहे हैं. जो सरगुजिहा शहनाई बजाते हैं.

Surgujiha Shehnai
सरगुजा का मोहरी वादन

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Published : Jan 30, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा का मोहरी वादन

सरगुजा : उस्ताद बिस्मिल्ला खान के शहनाई वादन से देश और दुनिया परिचित है. शहनाई वादन इतना मशहूर हुआ कि बॉलीवुड के गानों में भी म्यूजिक डायरेक्टर शहनाई का इस्तेमाल करने लगे. लेकिन आज हम आपको सरगुजा के बिस्मिल्ला खान से मिलवाने जा रहे हैं. ये सरगुजा का एक फोक स्टूमेंट बजाते हैं जिसे लोग सरगुजिहा शहनाई कहते हैं. सरगुजा का ये कलाकार बहुत ज्यादा मशहूर तो नहीं है.लेकिन यहां होने वाली शादियों में जो भी इन्हें जरा भी जानता है संगीत सज्जा का निमंत्रण देने से नहीं चूकता.

सरगुजा का मोहरी वादन

कहां से ली संगीत शिक्षा :किसी भी संगीत से जुड़े वाद्ययंत्र को बजाने के लिए शिक्षा जरुरी होती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस वाद्य यंत्र को ये बजाते हैं. उसकी शिक्षा किसी से नहीं ली.बल्कि घर पर मौजूद बुजुर्गों को देखकर और उनसे प्रेरणा लेकर मोहरी को बजाना सीखा.इस वाद्य यंत्र की खास बात ये है कि इसका निर्माण भी स्थानीय लोग ही करते हैं.


ईटीवी भारत ने जाना संगीतकारों का हाल :सोशल मीडिया में जब इनका वीडियो वायरल हुआ तो लोगों ने इन्हें सरगुजा के बिस्मिल्ला खान कहकर संबोधित किया. एक स्थानीय स्टूडियो ने हाल ही में इनकी कला को रिकॉर्ड किया और सोशल साइट में डाल दिया. ETV भारत भी इनकी खोज में निकल गया. फिर इनके गांव में जाकर इस कला को आप तक पहुंचाने का प्रयास किया.


शहनाई के जैसा ही वाद्य यंत्र :इन कलाकारों की तलाश में हम बलरामपुर जिले के आरा गांव माझापारा पहुंचे. यहां एक ही परिवार के दो भाई ननकू राम नायक और राम कुमार नायक मोहरी वादन करते हैं. शहनाई जैसा दिखने वाले इसे वाद्य यंत्र को मोहरी कहा जाता है. दिखने में शहनाई लेकिन स्वर में शहनाई से अलग होता है. ये दोनों ही भाई अपने पूर्वजों से ये कला सीख कर शादी विवाह में समारोह को संगीत मय करते हैं.

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कहां दे चुके हैं प्रस्तुति :हमारे कहने पर इन्होंने एक फिल्मी गाने की धुन और एक कव्वाली की धुन बजाकर सुनाई. इन्होंने किसी भी संगीत शिक्षक से संगीत की तालीम नही ली है. लेकिन परिवार के बड़ों से बचपन से ही सीखते रहे और अब वर्षों से मोहरी वादन करते आ रहे हैं. एक बार इन्हें दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कला जत्था के रूप में भी ले जाता जा चुका है.



संरक्षण की चिंता :चिंता का विषय यह है कि अब इनके बच्चे युवा पीढ़ी इसे सीखने या बजाने में रुचि नही लेती है. संस्कृति विभाग ने भी इस कला के संरक्षण के लिए अब तक कुछ नही किया है. ऐसे में इन दोनों भाइयों के बाद सरगुजा के मोहरी वादन का क्या होगा? कहीं यह स्थानीय कला विलुप्त तो नही जो जाएगी. इस दिशा में सोचने और इसके संरक्षण की पहल करने की जरूरत भी दिखाई दे रही है.

वीडियो वायरल होने के बाद मिली ख्याति :सरगुजा के संगीतकार प्रदीप विश्वास बताते हैं " जब मैंने इस मोहरी वादन को सुना तो बहुत बढ़िया लगा. जिसके बाद इसको रिकॉर्ड किया गया. रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो मैंने सोशल साइट पर अपलोड कर दिया. लोगों ने भी पसंद किया और कुछ लोगों ने इन्हें सरगुजा के बिस्मिल्ला खान की संज्ञा दे दी. ऐसी लोक कलाओं का संरक्षण बहुत जरूरी है. ताकि राजस्थान और सिंध प्रान्त की तरह सरगुजा के वाद्य यंत्र भी देश दुनियां में अपना स्थान बना सकें"

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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