अंबिकापुर : जिले में नये शिक्षा सत्र से बच्चों को जर्जर और पुराने स्कूलों से मुक्ति मिल जाएगी. राज्य शासन ने जिले में स्कूल भवनों के निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण और मरम्मत के लिए 110 करोड़ से अधिक की राशि कई चरणों में जारी की है. बड़ी बात ये है कि इस राशि से आजादी के पहले के 85 से अधिक स्कूलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है . स्कूल भवनों के निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए राशि होने के बाद अब तक 44 करोड़ के कार्यों का टेंडर भी जारी कर दिया गया है. बचे हुए निर्माण कार्यों के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है.
किराए के स्कूलों की नहीं होगी अब पढ़ाई : सरगुजा जिले में अनेक स्कूल भवन विहीन थे . ये स्कूल वर्षों से किराए के मकानों में संचालित थे. जबकि वर्षों पूर्व निर्मित स्कूल मरम्मत और देखरेख के अभाव में जर्जर हो गए थे. ऐसे में बच्चों को पेड़ के नीचे या फिर किराए के भवन, किचन शेड में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही थी. लेकिन इस बार केंद्र और राज्य सरकार ने स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए बड़े पैमाने पर पीएमश्री योजना के तहत राशि जारी की है.
कितने करोड़ से होगा जीर्णोद्धार :सरगुजा जिले की बात की जाए तो अब तक 110 करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई है. सरगुजा प्रदेश में स्कूलों के लिए राशि पाने में दूसरे नम्बर पर है. शासन ने योजनाओं के तहत जारी की गई राशि से अब निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इनमें ऐसे स्कूल भी शामिल हो गए है. जिनका चयन पीएम श्री के लिए किया गया है.
Renovation Of Old Schools: आजादी के पहले स्थापित स्कूलों का हो रहा कायाकल्प, अंबिकापुर के 85 स्कूलों में काम शुरू
अंबिकापुर जिले में आजादी के पहले के 85 से अधिक स्कूलों का जीर्णोद्धार शुरू हो चुका है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब शिक्षा विभाग ने स्कूलों के निर्माण का वर्ष भी निर्माण कार्य के साथ जारी किया. आदिवासी बाहुल्य वनांचलों के नाम से पहचाने जाने वाले अंबिकापुर में प्रतिभाओं का वर्चस्व शायद इसलिए रहा है क्योंकि यहां रियासत काल में भी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता था. Ambikapur News
सर्वाधिक 1.85 करोड़ मल्टीपरपज स्कूल के लिए, नही बदलेगा ई शेप : सरगुजा के सबसे पुराने मल्टीपरपज स्कूल के लिए 1.85 करोड़ की राशि जारी की गई है. इस राशि से मल्टीपरपज स्कूल भवन में मरम्मत का कार्य कराया जाएगा. इसके साथ ही पूर्व में अडानी की सहायता से निर्मित भवन के मरम्मत और अतिरिक्त कक्ष का निर्माण भी शामिल है. खास बात ये है कि आजादी के पहले के इस स्कूल को ई आकार में बनाया गया है. निर्माण के दौरान इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा कि ई आकार के साथ कोई तब्दीली ना हो.
अंबिकापुर में कितने पुराने स्कूल :राज्य और केंद्र सरकार ने स्वीकृत किए गए स्कूलों में लगभग 85 ऐसे स्कूल है जो आजादी के पहले से संचालित हैं. इनके मरम्मत का कार्य नहीं हो पा रहा था. वर्षों पुराने भवन जर्जर हो गए थे. इनमें से शासकीय प्राथमिक शाला कर्रा 1942, शासकीय प्राथमिक शाला हर्रा टिकरा 1935, शासकीय प्राथमिक शाला झुमरपारा 1935, शासकीय प्राथमिक शाला नगर पालिका 1936, पूर्व माध्यमिक शाला व हायर सेकेंडरी स्कूल मल्टीपरपज 1914, शासकीय कन्या उमावि 1949 से संचालित हैं. अब इन स्कूलों के मरम्मत होने से इनकी खस्ताहाल में सुधार आएगा.