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अम्बिकापुर में बिक रहा 50 हजार रुपए का पश्मीना शॉल, जानिए क्यों है खास - know specialty of pashmina shawl

Pashmina shawl being sold in Ambikapur अम्बिकापुर में 50 हजार रुपए का पश्मीना शॉल बिक रहा है. ये शॉल काफी गर्म होता है. इसे हाथ से ही तैयार किया जाता है. खास बात यह है कि ये शॉल जितना पतला होता है, उतना ही गर्म होता है.

Pashmina shawl being sold in Ambikapur
50 हजार रुपए का पश्मीना शॉल

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 27, 2023, 5:41 PM IST

अम्बिकापुर में बिक रहा 50 हजार रुपए का पश्मीना शॉल

अंबिकापुर: इन दिनों छत्तीसगढ़ में ठंड बढ़ती ही जा रही है. कुछ पहाड़ी क्षेत्रों की बात करें तो यहां काफी अधिक ठंड पड़ती है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में गर्म कपड़ों का बाजार भी सज चुका है. अंबिकापुर में कश्मीर के पश्मीना शॉल की खूब डिमांड है. खास बात यह है कि इस शॉल की कीमत 50 हजार रुपये है. कीमत अधिक होने के बावजूद खरीदार इसे खरीदने की बात कह रहे हैं.

अंबिकापुर में बिक रहा पश्मीना शॉल:अम्बिकापुर में स्वदेशी खादी महोत्सव लगा हुआ है. यहां कश्मीर से आए एक युवक ने अपनी दुकान लगाई है. इस दुकान में कीमती पश्मीना शॉल की बिक्री हो रही है. इस शॉल पर आकर्षक डिजाइन बना हुआ है. कारीगर से ईटीवी भारत ने बातचीत की. कारीगर बताते हैं कि "ये हैंडमेड है. हाथ से ही शॉल की बुनाई की जाती है. लद्दाख में एक जंगली जानवर के बाल से इसके धागे बनते हैं. जंगलों में इन जानवरों के बाल गिरते हैं, या झाड़ियों में फंसकर टूट जाते हैं, तो स्थानीय लोग इसे बीनकर घर ले आते हैं. इन्हीं बालों से पश्मीना के धागे बनाए जाते हैं. हमारा पूरा परिवार कश्मीर में पश्मीना के धागे से कपड़े तैयार करता है." दुकान में आए ग्राहक ने भी कहा कि भले ही कीमती हो लेकिन इसकी क्वालिटी रियल है. इसलिए मैं एक शॉल लेने की कोशिश तो जरूर करुंगा.

10 हजार रुपए से शुरू होती है कीमत: दरअसल, अंबिकापुर के बनारस चौक के पास में स्वदेशी खादी महोत्सव लगा हुआ है. यहां कई तरह की दुकानें सजी हुई हैं. यहां हैंडलूम से बनी पश्मीना शॉल की चर्चा हो रही है. पश्मीना शॉल की कीमत 10 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक है. जबकि पश्मीना के कपड़ों की कीमत 4 लाख तक कश्मीर में है. प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही कश्मीर का शॉल भी दुनिया भर में मशहूर है.

पतला शॉल होता है अधिक गर्म:बता दें कि पश्मीना शॉल बेहद पतला होता है. साथ ही इसका वजन भी काफी कम होता है. हल्का होने के साथ ही ये गर्म भी होता है. बताया जाता है कि इस शॉल पर लाइट वर्क ही किया जाता है. हेवी वर्क से शॉल का वजन तो बढ़ता है. साथ ही शॉल में गर्माहट भी कम हो जाती है. वहीं, पतली शॉल अधिक गर्म होती है. गर्मी अधिक होने के कारण ही कश्मीर के लोग इसे लोकल भाषा में पश्मीना कहते हैं.

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