सरगुजा: छत्तीसगढ़ में लगातार हो रहे सड़क हादसों को कम करने के लिए, सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट नई दिल्ली ने पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. वर्कशॉप में लोक निर्माण विभाग के SDOP, सब इंजीनियर समेत अन्य अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को कैसे कम किया जाए, जानकारी दी .
सड़क जागरुकता के कार्यशाला का आयोजन इस कार्यशाला में CSIR, CRRI, टीएसई डिवीजन नई दिल्ली से सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एस वेलमुर्गन, सुभाष चंद, प्रोफेसर सतीश चंद्रा, मोहन राव, डॉ. के रविन्द्र मौजूद रहे. उन्होंने लोक निर्माण विभाग के SDOP, सब इंजीनियर समेत अन्य अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की जानकारी दी.
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चालक की लापरवाही
साइंटिस्ट सुभाष चंद ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि, 'रोड एक्सीडेंट को कम किया जा सकता है, लेकिन उन्हें खत्म नहीं कर सकते. सड़क दुर्घटना के कई कारण हैं, जिनमें सबसे मुख्य कारण चालक की लापरवाही मानी गई है, लेकिन इसके साथ ही रोड में खामियों के कारण भी कई दुर्घटनाएं होती हैं'.
सड़क दुर्घटनाओं में 4136 मौतें हुई
साइंटिस्ट डॉ. के रविन्द्र ने बताया कि 'देश में 1 लाख 47 हजार मौतें हर साल सड़क दुर्घटना में होती हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ में साल 2016-17 में 3563 दुर्घटनाएं हुई हैं. इस हिसाब से प्रतिदिन 38 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जबकि इन दुर्घटनाओं में 4136 मौतें हुई हैं, जिसको कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी गठित की है, जिसका काम इसे मॉनिटर करना है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं कम हो सकें.