सरगुजा: कोरोना संक्रमण ने देश की जड़ें हिलाकर रख दी हैं. इस दौरान सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों और सरकारी महकमे ने ही लोगों की सेवा की और जान बचाई. तमाम विधायक, सांसद अपने-अपने क्षेत्र के लोगों तक राहत पहुंचाते देखे गए, लेकिन सरगुजा सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह (Surguja MP Renuka Singh) अपने गोद लिये गांव को ही भूल गईं. कोरोना के इस संकट काल में सांसद न तो एक बार भी गांव पहुंचीं और न ही इन्होंने गांव के लिए कोई राहत पैकेज भेजा.
दरअसल हम बात कर रहे हैं मोदी मंत्रिमंडल में जनजातीय कार्य केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह की, जो अपने आदर्श ग्राम सोनतराई (मृगाडांड) के लोगों को गोद लेने के बाद शायद भूल गई हैं, तभी तो कोरोना के दूसरे चरण के भयंकर प्रसार के बाद भी सांसद महोदया ने गांव में आना तक जरूरी नहीं समझा. उन्होंने इस गांव में कोरोना की रोकथाम के लिए कोई मदद या जागरूकता के लिए कोई प्रयास नहीं किया.
जनजातीय मंत्री का जनजातीय बाहुल्य गांव
सांसद बनने के बाद इन्हें जनजातीय कार्य मंत्री बनाया गया. मतलब इनका विशेष दायित्व जनजातीय लोगों के प्रति है. इनका गोद लिया हुआ गांव मृगाडांड, पंडो जनजाति बाहुल्य गांव है. लेकिन इसके बावजूद मंत्री जी को इनकी सुध लेने की फुरसत नहीं मिली. हांलाकि किस्मत अच्छी रही कि इस गांव में कोरोना का संक्रमण ज्यादा नहीं फैला, न ही किसी की मौत हुई, लेकिन यहां कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) को लेकर भ्रम फैला हुआ है. वैक्सीनेशन के बाद आने वाले सामान्य बुखार से ग्रामीण डर रहे हैं. जिसकी वजह से तरह-तरह की बातें बनाई जा रही हैं.
कोरोना काल में आदिवासियों के विकास का रखा गया ख्याल: रेणुका सिंह
गांव में प्रशासन का डेरा
फिलहाल प्रशासन की टीम इस गांव में डेरा जमाए हुए है. एसडीएम (SDM), जनपद पंचायत सीईओ (CEO), सरपंच, आरएचओ, नर्स, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार इस गांव में ग्रामीणों के टीकाकरण के लिए प्रयास कर रहे हैं. शिविर लगाकर लोगों को गांव में ही कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. टीम मुख्य रूप से लोगों में भ्रम दूर करने और जागरूकता लाने का काम कर रही है. जिसके बाद अब यहां वैक्सीनेशन की स्थिति में सुधार हो रहा है.