अंबिकापुर: लॉकडाउन में सबसे बड़ा संकट रोजगार का खड़ा हो गया है. उद्योगों में उत्पादन पर ब्रेक लगा, कई लोग बेरोजगार हो गए. सबसे बड़ी परेशानी मजदूर वर्ग के सामने है. इस समय सबसे ज्यादा मुसीबत गरीब परिवारों को झेलनी पड़ रही है जो छोटे-मोटे काम कर अपनी जिंदगी की गाड़ी चलाते हैं लेकिन इन दिनों उनकी इस गाड़ी पर ब्रेक लग गया है, क्योंकि कमाई नहीं हो पाने के कारण उनके घरों में चूल्हा नहीं जल पा रहा है ऐसे ही लोगों के लिए कई दानदाता आगे आकर उनके लिए राशन, भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. सेवा के इसी क्रम में सरगुजा राजपरिवार ने भी गरीबों के लिए महामाया मंदिर का खजाना खोल दिया है.
महामाया मंदिर के फंड का उपयोग
सरगुजा में बहुत से समाजसेवी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं और यही कारण है कि यहां कोई भूखा नहीं है. सरगुजा राजपरिवार ने गरीबों का पेट भरने के लिए अपनी टीम को महामाया मंदिर के फंड के उपयोग की अनुमित दे दी है, जिससे लॉकडाउन के पहले दिन से ही लोगों को भोजन, कच्चा राशन, दवाइयां महामाया हेल्पलाइन की तरफ से दी जा रही है.
कच्चा राशन के साथ पका भोजन भी
महामाया हेल्पलाइन 26 मार्च से लगातार जिले में सेवा दे रही है. अब तक 5 हजार 1 सौ पैकेट कच्चा राशन और लगभग 65 हजार पैकेट पका हुआ भोजन लोगों में बांट चुके हैं. पके हुए भोजन में इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है कि लोग एक ही तरह का खाना खाकर ऊब ना जाए, इसलिए सुबह शाम अलग-अलग तरह का खाना दिया जा रहा है. कभी पूरी, सब्जी, अचार तो कभी वेज पुलाव के पैकेट दिए जा रहे हैं.