सरगुजा: ये एक ऐसी बच्ची की कहानी है, जिसे कुदरत ने तो लाचार बना दिया, लेकिन किस्मत ने उसे वो स्थान दिया, जो शायद उसके सगे मां-बाप भी नहीं दे पाते. बच्ची अनीशा अपनी आंखों से देख नहीं सकती, लेकिन उसकी मुस्कुराहट ने उसे उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां खुशियां उसकी जिंदगी में दस्तक देने जा रही है.
अनीशा अंबिकापुर के सेवा भारती मातृछाया में रहती थी. उसके मां-बाप ने साल 2015 में उसे अनाथ आश्रम छोड़ गए थे. मां-बाप से ठुकराई अनीशा को एक विदेशी दंपति ने सहारा दिया है. अब अनीशा अपने दो भाई-बहन के साथ अमेरिका में बाकी की जिंदगी गुजारेगी.
विदेशी दंपति जर्मी और जेसिका यूएसए के टेनसी शहर के रहने वाले हैं. उनकी इच्छा थी कि वह किसी भारतीय बच्ची को गोद लेकर उसकी सेवा करें. खासकर उस बच्ची को गोद लें, जो दिव्यांग हो. ऐसे में उन्होंने अंबिकापुर मातृछाया में भारतीय मूल की बच्ची को गोद लेने का आवेदन किया था.