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जिस अनीशा को अपनों ने ठुकराया, उसे परायों ने अपनाया, अब विदेश में खिल खिलाएगी गुड़िया

जर्मी और जेसिका ने अंबिकापुर के सेवा भारती मातृछाया से अनीशा को गोद लिया है. अनीशा एक दिव्यांग बच्ची है.

विदेश में रहेगी अनीशा

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Published : Sep 25, 2019, 8:13 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: ये एक ऐसी बच्ची की कहानी है, जिसे कुदरत ने तो लाचार बना दिया, लेकिन किस्मत ने उसे वो स्थान दिया, जो शायद उसके सगे मां-बाप भी नहीं दे पाते. बच्ची अनीशा अपनी आंखों से देख नहीं सकती, लेकिन उसकी मुस्कुराहट ने उसे उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां खुशियां उसकी जिंदगी में दस्तक देने जा रही है.

विदेश में रहेगी अनीशा

अनीशा अंबिकापुर के सेवा भारती मातृछाया में रहती थी. उसके मां-बाप ने साल 2015 में उसे अनाथ आश्रम छोड़ गए थे. मां-बाप से ठुकराई अनीशा को एक विदेशी दंपति ने सहारा दिया है. अब अनीशा अपने दो भाई-बहन के साथ अमेरिका में बाकी की जिंदगी गुजारेगी.

विदेशी दंपति जर्मी और जेसिका यूएसए के टेनसी शहर के रहने वाले हैं. उनकी इच्छा थी कि वह किसी भारतीय बच्ची को गोद लेकर उसकी सेवा करें. खासकर उस बच्ची को गोद लें, जो दिव्यांग हो. ऐसे में उन्होंने अंबिकापुर मातृछाया में भारतीय मूल की बच्ची को गोद लेने का आवेदन किया था.

मातृछाया में विदेशी दंपति की गोद भराई की रस्म भी पूरी की गई. मौके पर उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे काफी खुश हैं कि अनीशा उनके परिवार का हिस्सा बनने जा रही है.

मातृछाया में काम कर रहे एलेक्स बताते हैं कि अनीशा के गोद लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जेसिका और जर्मी बच्ची के न सिर्फ इलाज का खर्च उठाएंगे. बल्कि उसका बेहतर लालन-पालन भी करेंगे. एलेक्स ने बताया कि ये दंपति भारतीय संस्कृति और यहां की सभ्यता से काफी प्रभावित हैं और यही कारण है कि उन्होंने दिव्यांग बेटी को गोद लिया है.

जेसिका और जर्मी ने अनीशा को गोद लेकर एक अनाथ की जिंदगी में रौशनी भर दी है. अब हम यही उम्मीद करते हैं कि अनीशा हंसते-मुस्कुराते अपनी आगे की जिंदगी जिए.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

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