सरगुजा:सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खंड में बीते 200 दिनों से अधिक समय से ग्रामीण धरने पर बैठे हैं. मांग है कि कोल खदानों को रोकना पेड़ों को बचाना है. स्थानीय विधायक और सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया है. यह बयान आंदोलनकारियों के लिए राहत भरा है. सिंहदेव ने स्पष्ट कर दिया है कि उदयपुर क्षेत्र में अब कोई भी नई खदान नहीं खुलेगी. इस विषय में मुख्यमंत्री से भी उनकी बात हो चुकी है.
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मंत्री टीएस सिंहदेव ने क्या बोले:इस गंभीर विषय पर मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने निवास कोठी घर पर प्रेस वार्ता आयोजित की. प्रेस वार्ता में सिंहदेव ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार ग्रामीणों के आन्दोलन की मांगों के पक्ष में है. उन्होंने बताया कि आंदोलन इस बात को लेकर नही हैं. चालू खदानों को बन्द कर दिया जाये. ग्रामीणों की मांग है कि नई खदान ना खुले.
ग्रामीण उस क्षेत्र के जंगल और नदियों का संरक्षण चाहते हैं. खदान खुलने से पर्यावरण के कई तरह के नुकसान को देखते हुए यह आंदोलन एक बड़ा स्वरूप ले चुका था. इस विषय पर मुख्यमंत्री से उनकी पहले भी चर्चा हो चुकी है आज फिर फोन पर चर्चा हुई जिसमें सीएम ने भी इस मसले पर सहमति जताई है. मंत्री सिंहदेव ने बताया कि लगभग 90 फीसदी ग्रामीण नहीं चाहते कि खदान खुले. इसलिये अब नई खदान नही खुलेंगी. इसके लिये जो भी प्रक्रिया होगी उसे आगे बढ़ाया जायेगा.
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जिन चालू खदानों में काम बंद है वो प्रशासन और कंपनी का मामला है. कुछ ग्रामीण ये भी कह रहे थे कि चालू खदान बंद होने से वो बेरोजगार हो गए हैं. काम से निकाल दिया गया है. इसलिए भी दोनों बातों का ध्यान रखते हुये यह तय किया गया है. लेकिन नई खदानों को खोलने की प्रक्रिया रोक दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद उदयपुर क्षेत्र में खदान खुलने के मसले पर छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा स्पष्ट हो चुकी है. सरकार अब नई खदानों को खोलने की कवायद नहीं करेगी. लेकिन पहले से संचालित खदानों को चालू रखा जायेगा. उस क्षेत्र के ग्रामीण भी लगभग यही चाहते हैं. क्योंकि ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा है कि उनका विरोध खदान खोलने ओर नहीं है. विरोध पेड़ काटने से है और जब नई खदानें नही खुलेंगी तो पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी.