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पेसा कानून के लिए आदिवासियों को मिलकर आवाज उठाना होगाः राज्यपाल अनुसुईया उइके

सरगुजा (Surguja) में बिरसा मुंडा जयंती (Birsa Munda Jayanti) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुईया उइके मुख्य (Governor Anusuiya Uikey) अतिथि के तौर पर पहुंची. राज्यपाल के आगमन के पर आदिवासी परंपरा (tribal tradition) के अनुरूप राज्यपाल का पैर धोकर समाज के लोगों में उनका स्वागत किया गया.

Governor reached Birsa Munda Jayanti celebrations
बिरसा मुंडा जयंती समारोह में पहुंची राज्यपाल

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Published : Nov 15, 2021, 6:15 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)की राज्यपाल अनुसुईया उइके (Governor Anusuiya Uikey) आज सरगुजा (Surguja) दौरे पर हैं. दरअसल, बिरसा मुंडा जयंती (Birsa Munda Jayanti) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मुख्यअतिथि के तौर पर पहुंची. बताया जा रहा है कि बिरसा मुंडा जयंती पर सरगुजा जिले के अजिरमा गांव (Ajirma Village) में गोंड विकास समिती(gond development committee) और सर्व आदिवासी समाज (Sarva Adivasi Samaj) के द्वारा समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राज्यपाल पहुंची.

पेशा एक्ट को लेकर बोली राज्यपाल

सरकार जस्टिस से पूछे मुझे रिपोर्ट क्यों सौंपी, मैं राज्यपाल हूं कोई पोस्टमैन नहीं- अनुसुईया उइके

इस अवसर पर यहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural programme) आयोजित किये गए. आयोजन में सरगुजा की आदिवासी परंपराओं की छटा देखी गई. साथ ही आदिवासी समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों और छात्र-छात्राओ का सामान राज्यपाल ने किया. वहीं, राज्यपाल के आगमन के पर आदिवासी परंपरा(tribal tradition) के अनुरूप राज्यपाल का पैर धोकर समाज के लोगों में उनका स्वागत किया गया. फिर द्वीप प्रज्वलन और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.

राज्यपाल अनुसुईया उइके

इस बीच राज्यपाल सरगुजा में बिरसा मुंडा जयंती समारोह के दौरान मीडिया से हुई. इस दौरान उन्होंने झीरम कांड की जांच रिपोर्ट सौंपने के मामले को लेकर कहा कि मैं पहले भी इस मामले में कह चुकी हूं. अब और क्या कहूं.

पेसा कानून पर की चर्चा

वहीं, राज्यपाल अनुसुइया उइके ने पेशा कानून और आदिवासी अधिकारियों को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश की स्थिति मै महसूस कर रही हूं कि प्रदेश में आदिवासी समाज को जो संविधान में अधिकार प्राप्त हैं, चाहे वो पांचवी अनुसूची में आने वाले जिले या क्षेत्र हैं. जहां पर 1996 का पेसा कानून लागू है और तमाम सारे अधिकारो के बावजूद भी मैं महसूस कर रही हूं कि आदिवासी के अधिकार दिलाने के लिए प्रयास की जरूरत है. इसके लिये आदिवासी समाज को भी संगठित होकर आवाज उठाना होगा.

आदिवासियों के हित पर कही बात

आगे उन्होंने कहा कि मुझे शिकायत मिली है कि गैर आदिवासियों ने इनकी जमीन पर कब्जा किया है. पुलिस की भी शिकायत मिली है. एक जगह पर्यावरण की बात आई. गांव के नजदीक में कोई स्टील इंडस्ट्री लगाई जा रही है. इसमें ग्राम सभाओं के अधिकार का ध्यान रखना चाहिये. कहीं डेम बनने से 12 गांव डुबान क्षेत्र में आ रहे हैं. उनके भी उचित विस्थापन की व्यवस्था होनी चाहिये. अगर आदिवासियों की जमीन पर कोई प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है तो मैं समझती हूं कि उसमें उन्हें शेयर होल्डर बनाना चाहिये. उनकी रॉयल्टी का हिस्सा भी मिलना चाहिए. इससे देश का भी विकास होगा. आदिवासियो का भी विकास होगा और सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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