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लॉकडाउन से बेहतर है लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करें: सिंहदेव

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण एक बार फिर बेकाबू होता जा रहा है. इसे लेकर ETV भारत ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की है.

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Published : Mar 28, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

health minister ts singh deo
स्वास्थ्य मंत्री से खास बातचीत

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण एक बार फिर पैर पसार रहा है. संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बढ़ते आंकड़ों ने जहां सरकार की चिंता बढ़ा दी है.वहीं लोगों भी परेशान हैं. ETV भारत ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और वैक्सीनेसन के बारे में जाना. सिंहदेव ने बताया कि अगर कोरोना को फैलने से रोका नहीं गया और समय से वैक्सीन नहीं लगवाई गई तो समस्या बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि हम उस दौर से गुजर रहे हैं, जब कोरोना बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में इसके और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. इस दौरान सिंहदेव ने सभी को होली की शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही होली खेलने से बचने को कहा है.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत

सवाल: वैक्सीनेशन के लिए एज ग्रुप निर्धारित करने के पीछे क्या है कारण?

जवाब:18 से 35 साल के लोगों की इम्युनिटी ज्यादा होती है. इनएज ग्रुप के लोगों में कोरोना का प्रभाव कम पड़ता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें कोरोना होने के बाद भी पता नहीं चलता और वे ए-सिम्टोमेटिक होकर ठीक हो जाते हैं, लेकिन उनसे ये महामारी परिवार के बाकी लोगों में पहुंच जाती है. उन्होंने कहा कि कोरोना को फैलाने में जो सबसे बड़े कारक है वो हमारा युवा वर्ग है. उन्होंने कहा कि देश को जो वैक्सीन बनाने की अनुमति मिली है. उसकी क्षमता सीमित है. इसलिए इसे सबसे पहले फ्रंट लाइन वॉरियर्स और 60 साल के ऊपर के लोगों को लगाई गई. क्योंकि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव बुजुर्गों पर ही पड़ रहा है. सबसे ज्यादा मौत भी उन्हीं की हो रही है. इसके बाद गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को ये वैक्सीन लगाई जा रही है. नागरिकों को संख्या को देखते हुए एज ग्रुप निर्धारित की गई है. वैक्सीन जैसे-जैसे आती जाएगी लगती जाएगी.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

सवाल: वैक्सीन लगाने के बाद लोग कितने सेफ?

जवाब:ये सोचना गलत है कि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं हो सकता है. वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना हो सकता है. लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद कोरोना नहीं होता. या हम बिना मास्क के घूम सकते हैं.

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सवाल: कोरोना के नए वैरिएंट की जांच देश में है या इसका इलाज बाहर से कराना होता है?

जवाब:एम्स में जांच की फैसिलिटी है.बीच में सामग्री की कमी हुई थी. उन्होंने कहा कि कोरोना फैलने का मतलब यो नहीं है कि नया वैरियंट आ गया है इसलिए कोरोना बढ़ रहा है. कोरोना बढ़ने के मेन कारण लापरवाही है. इसलिए सभी को कोरोना गाइडलाइन का पालन करना चाहिए.

सवाल: राजधानी समेत की जगहों में ऐसी बात निकलकर आ रही है कि नाबालिग लोगों और कम उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है. इसमें क्या जांच होगी?

जवाब:मेरी जानकारी में अभी इस तरह की कोई बात नहीं आई है. अगर इस तरह की कोई बात होगी को अवश्य ही जांच होगी. वैक्सीन लगाने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो रहा है, लेकिन अगर देश में कोई नीति बनी है तो सभी को उसका पालन करना होगा.

सवाल: प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्या कुछ नियम बनाए गए है? किस तरह से एहतियात बरती जा रही है.

जवाब:बाहर से जितने लोग आ रहे हैं उनकी टेस्टिंग की जा रही है. प्रदेश की सीमाओं पर भी टेस्टिंग चल रही है. एयरपोर्ट पर भी टेस्टिंग की जा रही है. इसके साथ ही सभी को एक हफ्ते के लिए क्वॉरेंटाइन रहने के लिए भी कहा जा रहा है. सभी नागरिकों से भी क्वॉरेंटाइन रहने को कहा गया है. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो इसकी सूचना दी जाए.

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सवाल: छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन लगने की क्या कुछ संभावनाएं हैं?

जवाब:देश के कई शहरों में लॉकडाउन लग गया है. ये एक कदम है जो कोरोना को फैलने से रोक सकता है, लेकिन इससे आर्थिक नुकसान बहुत ज्यादा है. इससे सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब तबके के लोगों पर पड़ता है. उनकी रोजी-रोटी छिन जाती है. कोरोना को फैलने से रोकने के लिए दूसरे तरीके हैं, लेकिन रोजी -रोटी देने के लिए कोई दूसरा तरीका नहीं है. इसलिए लॉकडाउन से बेहतर है कोरोना गाइडलाइन का पालन करें. घर से कम बाहर निकले.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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