अंबिकापुर: कांग्रेस की जीत में घोषणा पत्र ने बड़ी भूमिका निभाई थी. टीएस सिंहदेव ने जन घोषणा पत्र खुद या एक्सपर्ट की राय से नहीं बल्कि प्रदेश के गांव-गांव, गली-मोहल्ले में घूम-घूम कर हर तबके के लोगों की सलाह से तैयार किया था. जब जनता के बताए सुझाव कांग्रेस की घोषणा में शामिल हुये तो इसका फायदा भी मिला. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस की इतनी ज्यादा सीटें आईं कि खुद कांग्रेस के नेताओं ने भी इसकी कल्पना नहीं की थी. छत्तीसगढ़ सरकार के 2 साल पूरे होने पर ETV भारत ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की. सिंहदेव के मुताबिक 2 साल में सरकार ने कई बड़े काम किए हैं. हालांकि चुनौतियां अब भी हैं, लेकिन हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
सवाल: सरकार के 2 साल बीत चुके हैं. घोषणापत्र के कौन-कौन से वादे 2 साल में पूरे किए गए. आपकी सरकार ने 2 साल में प्रदेश को कौनसी बड़ी उपलब्धि दिया है. अब कौनसे काम बाकी हैं?
जवाब: 2 साल बीत गया ये विश्वास भी नहीं होता. सरकार ने 2 साल में बड़े काम किये हैं. कर्जमाफी, धान और मक्के का समर्थन मूल्य की वृद्धि, छोटे भूखंड की बिक्री शुरू की गई, लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस करना बड़ा साहसिक कदम था. बिजली बिल आधा किया. तेंदूपत्ता 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया. 52 वनोपज को समर्थन मूल्य पर शामिल किया. हर विभाग, हर क्षेत्र में काम हुए. संतोष के साथ आगे बढ़ेंगे.
सवाल: आपके पास अब बचे हुये काम पूरे करने के लिए 3 साल हैं. ये कितनी बड़ी चुनौती है?
जवाब: चुनौती कठिन है, लेकिन बचे कामों को पूरा करने के लिए आर्थिक सोर्स बढ़ाने होंगे. राजस्व बढ़ाने की दिशा में काम करने होंगे. 10 से 20 हजार करोड़ की संभावना तलाशनी होगी, तभी सभी काम पूरे हो सकेंगे. गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर के जरिए महिला समूहों को लाभान्वित किया जा रहा है, लेकिन कठिन लक्ष्य है लेकिन तभी तो चुनौती को पूरा करने का आनंद भी है.
सवाल: यूनिवर्सल हेल्थ केयर आपका ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. अंबिकापुर के नवापारा से आपने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत किया है. अब उसी शहरी स्वास्थ्य केंद्र को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्कृष्टता का अवार्ड दिया है.ये कितना सुखद अनुभव है?
जवाब: बड़े ही गर्व की बात है कि देश के इतने बड़े-बड़े राज्यों और शहरों की तुलना में शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में अंबिकापुर के नवापारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को देश में सर्वश्रेष्ठ अवार्ड मिला है. इस अस्पताल ने खुद की व्यवस्था से खुद को साबित किया और सुविधाएं उपलब्ध कराई. यही यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में बढ़ते कदम हैं, क्योंकि आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंस जितना कम होगा, उतना ही हम यूनिवर्सल हेल्थ केयर की दिशा में सफल होंगे.