सरगुजा: कई बार ऐसा सुनने को मिलता है कि कृषि लाभ का कारोबार है. लेकिन कृषि के लिए उपजाऊ जमीन का होना बेहद जरूरी है. कई किसान ऐसे होते हैं, जिनके पास छोटी सी ही जमीन है. जैसे एक एकड़ या उससे भी कम. ऐसे किसानों के लिये परंपरागत खेती से ज्यादा मुनाफा कमा पाना आसान नहीं है. लेकिन सरगुजा में ये संभव है. जमीन के एक छोटे टुकड़े में आप सालाना 3 लाख या उससे भी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
सरगुजा के गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर बनाने के बाद अब किसानों की जमीन पर उन्हें निजी तौर पर ऐसी योजना का मालिक बनाया जा रहा है, जिसमें किसान अपनी एक एकड़ या उससे कम जमीन पर मल्टी एक्टिविटी कर मुनाफा कमा सकते हैं. इस योजना को जिला प्रशासन ने इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग का नाम दिया है. जिले में 30 किसानों को इस मॉडल से जोड़ा गया है. उम्मीद की जा रही है कि साल में हर किसान 3 लाख से अधिक मुनाफा कमा लेगा.
क्या है इंटीग्रेटेड फार्मिंग
इंटीग्रेटेड फार्मिंग का हिंदी अनुवाद है 'एकीकृत कृषि' मतलब कई तरह की अलग-अलग खेती को एक साथ एक जगह पर किया जाना. ऐसा ही इस योजना के तहत किसान कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम कुछ किसानों के यहां पहुंची. वहां एक छोटी सी जमीन पर देशी नस्ल की मुर्गी पालन, बतख पालन, बकरी पालन, कड़कनाथ पालन, मछली पालन, किचन गार्डन, रहर दाल और मक्के की खेती, खेत की मेड़ में केले की खेती की जा रही है. एक छोटी आटा चक्की भी लगाई गई है.
सरगुजा में अंजोला का उत्पादन भी किसान कर रहे हैं. इन सब फसलों का आपस में बड़ा कनेक्शन है. अंजोला मुर्गियों और बत्तख के खाने में काम आता है. मक्का भी मुर्गी और बकरी के दाने बनाने में काम आता है. इसका दलिया बनाने के लिए यहां छोटी मील लगी हुई है. डबरी में मछली पालन हो रहा है और बत्तख के लिए चारा इसी मछली पालन से मिल रहा है. बत्तख ऑक्सीजन जेनरेशन का काम करती है और डबरी का पानी साफ होता है. मतलब कई वैज्ञानिक पहलुओं को आपस में जोड़ते हुये यह साइकल बनाया गया है, जिससे खर्च कम और मुनाफा अधिक कमाया जा सके.