सरगुजा :शहर के कोविड अस्पताल के अंदर CCTV और सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू करने के बाद जिला प्रशासन अब गांवों में भी कोरोना इलाज पर नजर रख रहा है. इसके लिए शहर में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. जहां से ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये कोविड केयर सेंटर, कांटेक्ट ट्रेसिंग, वैक्सिनेशन और होम आइसोलेशन सहित कोविड से जुड़े तमाम कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है. कलेक्टर ग्राम पंचायत स्तर तक की सीधी मॉनिटरिंग कर पाते हैं. इसके साथ ही कॉल सेंटर बनाकर 24 घंटे के लिए हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए गए हैं.
दूसरी लहर में कोरोना गांव तक भी पहुंच गया है. जिसके मद्देनजर गांव में कोविड केयर सेंटर बनाये गये. कोरोना जांच की व्यवस्था भी गांव में कर दी गई है. वैक्सिनेशन के प्वाइंट बढ़ा दिये गये. कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग दलों में बढ़ोतरी की गई है. लेकिन इतने बड़े जिले में कहां, क्या चल रहा है ? इसकी जानकारी अब तक सिर्फ कागजों में होती थी. अधिकारी विकासखंड मुख्यालय में हैं भी या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं थी. लेकिन इस कंट्रोल रूम को बनाये जाने के बाद समस्त, जनपद CEO, BMO समेत तमाम नोडल अधिकारी अब CCTV कैमरे के माध्यम से सर्विलांस में रहते हैं. वहां होने वाली गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखी जाती है.
कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम से गांवों में रखी जा रही नजर
सरगुजा कलेक्टर के कक्ष से लगे हुए कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में यह कंट्रोल रूम बनाया गया है. जिसमे सहायक कलेक्टर की अगुवाई में अधिकारी और कर्मचारी 3 शिफ्ट में काम कर रहे हैं. यहां हर 3 घंटे में ब्लाक मुख्यालय से रिपोर्ट ली जाती है. कोरोना की रोकथाम के लिये हो रहे तमाम कार्यों की जानकारी टेलीफोन से यहां के स्टाफ लेते हैं और दिन भर इस जानकारी को सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराते हैं. इस कंट्रोल रूम का एक दरवाजा सीधे कलेक्टर के कार्यालय में खुलता है. कलेक्टर कभी भी अपने चेम्बर से आ सकते हैं. लिहाजा वो भी समय-समय पर यहां आकर जानकारी लेते रहते हैं. यहां बैठे अधिकारी और कर्मचारी दिनभर ब्लॉक मुख्यालय में बनाये गए कंट्रोल रूम की लाइव तस्वीरें देखते रहते हैं.