सरगुजा: मैनपाट क्षेत्र के डांडकेसरा गांव के लोगों ने सोमवार को अंबिकापुर के कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर कलेक्टर और जिला सीईओ के नाम ज्ञापन सौंपा है. दरअसल यहां के 200 परिवारों का आशियाना छिनने जा रहा है.
मैनपाट में छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम (CMDC ) की ओर से बॉक्साइट खदान का संचालन किया जा रहा है. नियम के तहत कंपनी को हरियाली के लिए पौधारोपण का कार्य भी करना पड़ता है, जिसके लिए सीएमडीसी को डांडकेसरा में जमीन दी गई है. जिस पर उन्हें पौधारोपण का करना है, लेकिन यहां कई पीढ़ी से लोग मकान बनाकर रहकर रहे हैं. ऐसे में वन विभाग द्वारा लगातार डांडकेसरा के 200 परिवारों को बेदखली के लिए नोटिस भेजा जा रहा है, जिसके कारण यहां के ग्रामीणों को जीवन यापन का संकट सता रहा है.
पात्र लोगों को नहीं मिला पट्टा
इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि साल 2017 में भाजपा की सरकार के समय राजस्व विभाग की ओर से 191 लोगों का वन अधिकार पट्टा के लिए फॉर्म भरा गया था, जिसके तहत 33 पात्र लोगों का पट्टा बन गया है, लेकिन अभी तक दो ही लोगों को पट्टा मिला है. वहीं 31 पात्र ग्रामीणों को वन अधिकार पट्टा नहीं दिया गया है, संबंधित अधिकारियों के पास कई बार ग्रामीण चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक पता नहीं लग पाया है कि उनके नाम से जारी वन अधिकार पट्टा आखिर कहां चला गया है.
पट्टा के लिए आवेदन किया था
ग्रामीणों के मुताबिक वन भूमि की जमीन पर कई पीढ़ी से मकान-बाड़ी बनाकर निवास करने के आधार पर उन्होंने पट्टा के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनकी आवेदन पर सुनवाई नहीं हुई. शासन-प्रशासन से लगातार शिकायत के बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं निकल रहा है.