सरगुजा: स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग ने दो नए कार्यक्रम शरू किये हैं. इस कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलवार को मंत्री टीएस सिंहदेव ने सरगुजा से किया. गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा और प्यारी बिटिया दिवस का राज्य स्तरीय आगाज मंत्री टीएस सिंहदेव ने जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया.
सिंहदेव ने जागरूकता रथ को दिखाई हरी झंडी पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड की अनिवार्यता
प्रदेश सरकार अब महिलाओं और युवतियों के उन दिनों की भी फिक्र करने जा रही है, जिनमें वे शारीरिक दर्द से गुजरती हैं. महिलाओं और युवतियों को हर महीने होने वाली माहवारी से शर्माने की जगह जागरूक बनाने का अभियान स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया है. पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड की अनिवार्यता के साथ-साथ, साफ सफाई रखने की जानकारी देने का काम इस अभियान के तहत किया जाएगा. खास कर यूटीआई जैसे अन्य संक्रमण से बचने के तरीके स्वास्थ्य विभाग महिलाओं को समझाएगा.
महिलाओं में जागरूकता की कमी
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा की प्रदेश में 80 फीसदी महिलाएं माहवारी के समय सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं करती हैं, जो बेहद चिंताजनक है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को टारगेट देते हुए खुद के लिए भी यह जिम्मेदारी तय की है कि पैड के उपयोग के इस आंकड़े को जब तक शत-प्रतिशत नहीं कर देते हैं तब तक वो इस आयोजन के दूसरे चरण में शामिल नही होंगे. सेनेटरी पैड के निशुल्क वितरण के लिए भी मंत्री ने योजना बनाने की बात कही है.
डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा
- डायरिया सुनने में बड़ी ही छोटी बीमारी लगती है, लोग उसे पेट दर्द जैसा मामूली बताकर लापरवाही करते हैं, लेकिन असल में डायरिया के कारण लोगों की हालत मौत के मुंह में जाने जैसी हो जाती है.
- डायरिया के नियंत्रण और इलाज के लिए जिन बातों का ध्यान रखना है वो बहुत ही साधारण सी है. कैसे रखें ध्यान-
- डायरिया हो जाने पर सिर ओआरएस का घोल ही मरीज को न सिर्फ स्वस्थ रखता है बल्कि धीरे-धीरे मरीज ठीक हो जाता है.
- ओआरएस का घोल हर शासकीय अस्पताल या हेल्थ सेंटर पर निशुल्क उपलब्ध है.
- इसके साथ ही डायरिया से बचने का एक ही रास्ता है साफ सफाई रखना. खाने से पहले और खाने के बाद हाथ धोना, ये बहुत छोटी बाते हैं जो डायरिया के प्रकोप से बचा सकती हैं.