सरगुजा: इस साल के अंत में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं. अंबिकापुर नगर निगम प्रदेश की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट का नगर निगम है. यहां से प्रदेश के सबसे अमीर विधायक आते हैं, जो वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. इनका नाम है टीएस सिंहदेव. लिहाजा नगरीय निकाय चुनाव में ये नगर निगम सुर्खियों में रहने वाला है.
अब मंत्री का शहर है तो यहां जीत और हार दोनों का सेहरा उनके ही सर बंधेगा. फिलहाल अंबिकापुर नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा है. 2014 के निकाय चुनाव में कांग्रेस ने डॉक्टर अजय तिर्की को उम्मीदवार बनाया था और अजय तिर्की ने भाजपा प्रत्याशी मंजूषा भगत को परास्त कर मेयर की कुर्सी हासिल की थी.
इस साल के अंत में हैं चुनाव
अब एक बार फिर साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सत्ता में काबिज कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा किन मुद्दों को लेकर जनता के सामने जाने वाली है, इस सवाल का जवाब हमने इन्हीं नेताओं से जानना चाहा.
कांग्रेस ने कौन से मुद्दे गिनाए-
- सबसे पहले महापौर के पद पर आसीन कांग्रेस के डॉ अजय तिर्की से सवाल किया की कौन सी उप्लधियों के साथ आप दोबारा वोट मांगेंगे.
- जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कई उपलब्धियां गिनाई, सड़क, नाली, बिजली पानी, सामुदायिक भवन जैसे कई काम बताये, जो काम शायद नगर निगम में वैसे भी चलते ही रहते हैं.
- अजय तिर्की मानते हैं की स्वच्छचा के क्षेत्र में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का जो काम उन्होंने किया है वो उनकी बड़ी उपलब्धि है. जाहिर है अंबिकापुर जैसे शहर को देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला है.
- इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में बेस्ट प्रेक्टिशनर के अवार्ड के साथ कई खिताब नगर निगम को इसी कार्यकाल में मिले हैं. अंबिकापुर नगर निगम देश भर की निकायों का आदर्श बन चुका है, लेकिन इस बड़ी उपलब्धि का लाभ मत में तब्दील होना संभव लगता नहीं. इससे जनता को कुछ मिला नहीं बल्कि उन पर डोर-टू-डोर कचरा क्लेक्शन का यूजर जार्च जरूर बढ़ा है.
- कांग्रेस के मेयर चुनाव के पहले बड़ी राहत के साथ अपने लिए भी राहत जुटाने की जुगत में लगे है. वो अब 2014 चुनाव के घोषणा पत्र के अहम बिंदु के क्रियान्वयन के प्रयास में हैं.
- दरअसल 2014 में कांग्रेस ने अपनी निगर निगम में आम जनता को टैक्स में आधे की छूट की बात की थी और अंबिकापुर में आम लोगों का टैक्स आधा करने का प्रस्ताव शासन को दोबारा भेजा जा चुका है.
- मेयर का कहना है कि उन्होंने अपनी पहली बैठक में ही इस प्रस्ताव को पास कर शासन को भेजा था लेकिन पिछली सरकार ने उसे मंजूर करने के बजाए और अधिक टैक्स लगा दिया.
- अब प्रदेश में भी उनकी सरकार है और उन्हें पूरा भरोसा है कि आम लोगों के टैक्स को आधा करने का प्रस्ताव शासन मंजूर करेगा. बहरहाल चुनावी वर्ष में अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो निश्चित ये निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकता है.