सरगुजा : लगातार स्वच्छता के क्षेत्र में मुहिम के रूप में काम करने वाला अम्बिकापुर शहर इस बार देश की नंबर वन क्लीनेस्ट सिटी (Number One Cleanest City) का अवार्ड नहीं पा सका. अम्बिकापुर नगर निगम को दूसरे पायदान से ही संतुष्ट होना पड़ा. जबकि अम्बिकापुर वो नगर निगम है, जिसने लगभग पूरे देश को कचरा प्रबंधन सिखाया है. लोग स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल होने के लिये अम्बिकापुर से कचरा प्रबंधन सीख कर जाते हैं और फिर अपने यहां इसे बेहतर बनाते हैं. फिर सबको सिखाने वाला ही पीछे कैसे रह सकता है? इस बात की तह तक पहुंचने के लिये ETV भारत ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 (Swachh Survekshan 2021) में प्राप्त अंकों व सर्वेक्षण के पैमाने की समीक्षा की, जिसमें सर्वेक्षण करने वाली टीम की बड़ी मिस्टेक सामने आई है.
निकायों पर एकाएक थोप दिया अंडर ग्राउंड सीवरेज सिस्टम
इस बार इस सर्वेक्षण टीम ने कुछ ऐसा कर दिया जिसे किसी भी प्रतियोगिता के लिहाज से जायज नहीं ठहराया जा सकता. सर्वेक्षण होने के बाद जब अंक मिलने की बारी आई तब एक नियम निकायों पर थोप दिया गया कि वाटर प्लस के लिए अब एफएसटीपी पर्याप्त नहीं है. बल्कि आपके शहर में अंडर ग्राउंड सीवरेज सिस्टम का होना अनिवार्य है. इस तरीके से वाटर प्लस के 250 अंक कम कर दिये गये और राजधानी दिल्ली के न्यू देल्ही म्युनिसिपल कारपोरेशन (NDMC) को देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब दे दिया गया. इससे अम्बिकापुर दूसरे नंबर ही सीमित रह गया. अब आपको केस स्टडी बताते हैं कि कैसे आंकड़ों के जरिये अम्बिकापुर और NMDC के बीच प्रतिस्पर्धा हुई और कैसे अम्बिकापुर नंबर वन बन सकता था.
पहले वाटर प्लस में मिलते थे 250 अतिरिक्त अंक, इस बार ऐसा नहीं हुआ
दअरसल अब तक के स्वच्छ सर्वेक्षण में जिन निकायों में एफएसटीपी यानी घरों के सेप्टिक टैंक के मलबे को पानी में तबदील कर उसका उपयोग किया जा रहा था, उन्हें वाटर प्लस में 250 अतिरिक्त अंक मिलते थे. लेकिन सर्वेक्षण के बाद टीम ने बताया कि इस बार अंडर ग्राउंड सीवरेज सिस्टम होने पर ही यह अंक मिलेंगे. लिहाजा अम्बिकापुर को सीधे 250 अंक का नुकसान हुआ. कुल 6000 अंकों की इस प्रति स्पर्धा में अम्बिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) को 5148 नंबर मिले, जबकि अगर वाटर प्लस के 250 अंक नहीं कटते तो अम्बिकापुर 5398 नंबर पाकर 1 लाख से दस लाख की आबादी वाले शहरों में पहला और ओवरऑल शहरों में इंदौर के बाद दूसरा सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल करता.