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Fake Mbbs Doctor Case: अंबिकापुर में फ्रॉड मैडम एमबीबीएस के फर्जीवाड़े की पूरी कहानी, जानिए कैसे सिस्टम को बनाया शिकार ?

Ambikapur News Fake Mbbs Doctor Case होलीक्रॉस अस्पताल में फर्जी महिला डॉक्टर वर्षा वानखेड़े के केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस जांच में सामने आया है कि वर्षा ठाकुर ने अपने आधार कार्ड में नाम खुशबू साहू कराया. इसके आधार पर बैंक एकाउंट खुलवाया. इससे वो वेतन एकाउंट में लेती रही. खुशबू साहू को अनजान व्यक्ति ने फोन करके पूरे फर्जी वाड़े की जानकारी दी.

Fake Mbbs Doctor Case
फ्रॉड मैडम एमबीबीएस के फर्जीवाड़े की पूरी कहानी

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Published : Jul 22, 2023, 7:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

फ्रॉड मैडम एमबीबीएस के फर्जीवाड़े की पूरी कहानी

अंबिकापुर: होलीक्रॉस अस्पताल में फर्जी महिला डॉक्टर वर्षा वानखेड़े के केस में नए खुलासे हुए हैं. पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ रही है. वर्षा के शातिर दिमाग की चालों की पोल भी खुल रही हैं. लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि सीधी-सादी दिखनी वाली वर्षा, इतनी चालबाज हो सकती है. वर्षा ने असली डिग्री का इस्तेमाल कैसे नौकरी पाने के लिए किया ? फिर बैंक एकाउंट भी खुशबू साहू के नाम पर खुलवाया. सैलरी भी एकाउंट में लेती रही ? इन सबका खुलासा पुलिस जांच में हुआ है.

आधार कार्ड पर नाम और फोटो बदलवाई:पुलिस जांच के अनुसार जब वर्षा वानखेड़े के हाथ खुशबू साहू की एमबीबीएस की डिग्री आ गई. तो उसने होलीक्रॉस हॉस्पिटल में नौकरी पा ली. इसके लिए उसने अपने आधार कार्ड में नाम और फोटो बदलवाया. इसके लिए उसने आधार कार्ड के लिए बने तय नियमों के एक लूपहोल का फायदा उठाया. दरअसल आधार कार्ड में नाम और फोटो बदलवाने के लिए एक स्टैंडर्ड फॉर्म भरकर देना होता था. इस फॉर्म को गजेटेड ऑफिसर या फिर जन प्रतिनिधि अपने नाम की सील के साथ सत्यापित करते थे. वर्षा ने इसी व्यवस्था का फायदा उठाया और गलत तरीका अपनाकर अपने आधार कार्ड में अपना नाम खुशबू साहू करवा लिया. फोटो भी बदलवा लिया. इसी तरीके के फर्जीवाड़े के कारण अब ये व्यवस्था बदल दी गई है.

"एक साल पहले स्टैंडर्ड फॉर्म का नियम था.अगर किसी सेंटर में यह फार्म लाया जाता था तो नियमतः ये करना पड़ता था. लेकिन फर्जीवाड़े के मामलों को देखते हुये नियमो में बदलाव किए गए. अब स्टैंडर्ड फार्म बंद कर दिया गया है. अब वैध दस्तावेज की ओरिजनल कॉपी होने पर ही आधार में नाम बदला जा सकता है." - वैभव सिंह, जिला ई-प्रबंधक

जब तक नए नियम लागू होते वर्षा वानखेड़े फर्जी काम कर चुकी थी. ऐसे ही इस नियम का फायदा उठाकर कई लोगों ने किसी को धोखा दिया और किसी ने सरकारी योजनाओं का फायदा उठाया. अब नए नियम आधार कार्ड के आ चुके हैं, जिनके अनुसार किसी बदलाव के लिए पुख्ता दस्तावेज और फिंगरप्रिंट जरूरी हैं.

बैंक एकाउंट भी खुलवाया: पुलिस जांच के अनुसार जब वर्षा का आधार कार्ड अपडेट हो गया, तब उसने बैंक में एकाउंट खुलवाया. ये एकाउंट खुशबू साहू के नाम पर था. यानि दस्तावेजों में अब वर्षा वानखेड़े, खुशबू साहू बन चुकी थी. बैंक एकाउंट होने के कारण इसमें उसकी सैलरी भी क्रेडिट होती रही. इसलिए करीब डेढ साल तक किसी को इस फर्जीवाड़े की खबर नहीं लगी. पहले बैंक एकाउंट में जन्म की तारीख पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया. बैंक ने खाता खोलने के पहले और बाद में भी यह नहीं जांचा कि, यह आधार नंबर और नाम एक हैं या नहीं है. पुलिस का कहना है कि वो वर्षा साहू का खुशबू के नाम से चलने वाले बैंक अकाउंट को सीज करने के लिए बैंक को लेटर लिख रही है.

वर्षा को कहां मिली थी खुशबू की डिग्री:पुलिस जांच के अनुसार वर्षा वानखेड़े रायपुर के एमएमआई अस्पताल में असिस्टेंट डॉक्टर थी.वहां वो आयुर्वेद की डिग्री के आधार पर नौकरी कर रही थी. एमएमआई के डॉक्टर रूम में साल 2021 में काउंसलिंग के लिये खुशबू साहू आई थी. खुशबू के पास एमबीबीएस की डिग्री थी. खुशबू डॉक्टर रूम में दस्तावेज रखकर कहीं चली गई .इसी मौके का फायदा उठाकर वर्षा वानखेड़े ने खुशबू के दस्तावेज, वहां से चोरी कर लिए. मेडिकल की मार्कशीट में फोटो नहीं होता है. इसी का फायदा वर्षा ने उठाया. खुशबू की 10वीं और 12 वीं की भी मार्कशीट उन दस्तावेजों में थी. इनमें फोटो क्लियर नहीं थी. यानि सब कुछ वर्षा के फेवर में था. इसी वजह से उसे अपने आधार में सब कुछ आसानी से बदलवाने का मौका मिल गया.

अनजान व्यक्ति ने भांडा फोड़ा: इस पूरे मामले में खुशबू साहू से बात की गई. वो अभी सरकारी नौकरी में हैं. खास बात ये है कि वो अंबिकापुर के ही PHC लहपटरा में डॉक्टर हैं. अंबिकापुर के एएसपी विवेक शुक्ला पूरी जांच कर रहे हैं. उनके अनुसार पुलिस जांच में आगे भी खुलासे होंगे. सभी दोषियों को हिरासत में ले लिया गया है.

'मैं एमएमआई में काउंसलिंग के लिये गई थी. वहीं से मेरे दस्तावेज चोरी हो गए. मैंने इसकी शिकायत रायपुर के टिकरापारा थाने में दी थी.19 जुलाई को मुझे एक अंजान फोन कॉल आया.फोन करने वाले ने मुझे सारी जानकारी दी.ये बताया कि आपके नाम से एक महिला होलीक्रॉस हॉस्पिटल में काम कर रही है. तब मैं अंबिकापुर के गांधीनगर थाने में गई.एफआईआर कराने के बाद एडिशनल एसपी से मिली उन्होंने तुरंत ही कर्रवाई के निर्देश दिये.' -खुशबू साहू, पीड़ित

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मां और बहन हैं नर्स:पुलिस जांच के अनुसार वर्षा वानखेड़े शादी शुदा है. उसके दो बच्चे भी हैं. उनसे अलग होकर वो रहती थी. उसकी मां और बहन एमएमआई अस्पताल रायपुर में स्टाफ नर्स हैं. होलीक्रॉस हॉस्पिटल में नौकरी लगने के बाद वर्षा की ड्यूटी एमरजेंसी में लगती थी. यानि कि वो जगह जहां पर क्रिटकल स्थिति में मरीज रोजाना आते हैं. ऐसे मरीजों को वो फर्स्ट-एड देती थी. रोजाना करीब 25 से 30 मरीजों को वो देखती थी. दस्तावेजों के आधार पर वर्षा एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं. लेकिन इसने एमबीबीएस की डिग्री के आधार पर यह नौकरी गलत तरीके से पाई और ना जाने कितनों का इलाज कर दिया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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