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Ambikapur News: डिप्टी सीएम त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव 'टीएस बाबा' का राजनीतिक सफर, जानिए - TS Singhdeo king of Sujguja riyasat

Ambikapur News सरगुजा रियासत के 118वें महाराज त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव 'टीएस बाबा' हैं. वर्तमान में टीएस बाबा अंबिकापुर विधानसभा सीट से विधायक और छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि टीएस सिंहदेव की राजनीति में आने की कभी इच्छा ही नहीं थी. तो आखिर उनके राजनीति में कदम रखने की क्या वजह रही? सरगुजा रियासत के महाराज का इतिहास के छात्र से प्रदेश के डिप्टी सीएम तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा, आइये जानते हैं. Deputy CM TS Singhdeo Story

Chhattisgarh Deputy CM TS Singhdeo
महाराज त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 8, 2023, 7:29 AM IST

Updated : Oct 8, 2023, 7:39 AM IST

सरगुजा:छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में सरगुजा संभाग की अहम भूमिका सरकार बनाने में रहती है. कांग्रेस के लिए सरगुजा गढ़ बन चुका है. यहां की अम्बिकापुर विधानसभा सीट बेहद खास है, क्योंकि यहां से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव विधायक हैं. राजपरिवार से होने के कारण वो सबसे अमीर विधायकों में भी शुमार हैं. टीएस सिंहदेव 3 बार इस सीट से लगातार जीत हासिल कर चुके हैं.

सिंहदेव परिवार का इतिहास: त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव, जिन्हें लोग टीएस बाबा कहकर पुकारते हैं. उनका जन्म 31 अक्टूबर 1952 में जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था. पिता स्व मदनेश्वर शरण सिंहदेव IAS अधिकारी थे, जो मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी भी रहे. सरगुजा राजपरिवार का शुरू से ही कांग्रेस से जुड़ाव रहा है. आजादी तक सरगुजा में राजपरिवार ही सत्ता और प्रशासन चलाता था. लेकिन रियासत के 117वें महाराज आईएएस अधिकारी होने के कारण राजनीति में नहीं आ सकते थे. इसी वजह से टीएस सिंहदेव की मां राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव ने सरगुजा रियासत की बागडोर अपने हाथ में ली और कांग्रेस में सक्रिय रहीं. वो अविभाजित मध्यप्रदेश की 2 बार विधायक और मंत्री भी रहीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से उनके नजदीकी संबंध रहे.

मां की इच्छा पूरी करने टीएस ने राजनीति में रखा कदम
मां की इच्छा पर टीएस ने राजनीति में रखा कदम: टीएस सिंहदेव ने भोपाल के हमीदिया कालेज से इतिहास में एमए की पढ़ाई की. जिसके बाद मां की इच्छा पर वे सरगुजा आ गये. शुरुआत में राजनीति उनको नहीं भाती थी, लेकिन मां की इच्छा थी कि वो रियासत की परंपरा को आगे बढ़ाएं और राजनीति के जरिये लोगों की सेवा करें. टीएस सिंहदेव सरगुजा रियासत के 118वें उत्तराधिकारी हैं. टीएस सिंहदेव ने अपने छोटे भाई अरुणेश्वर शरण सिंहदेव के बेटे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. आदित्येश्वर युवा हैं और राजनीति में खासे सक्रिय रहते हैं. वर्तमान में आदित्येश्वर जिला पंचायत सरगुजा के उपाध्यक्ष हैं.
जनता से सीधा सम्पर्क टीएस सिंहदेव की सबसे बड़ी ताकत
500 करोड़ से अधिक संपत्ति के हैं मालिक: टीएस सिंहदेव की कुल घोषित संपत्ति 500 करोड़ से अधिक बताई जाती है. टीएस सिंहदेव के अम्बिकापुर में 2 घर और एक पैलेस है. पहला सरगुजा रियासत का राजमहल रघुनाथ पैलेश है. जहां कोई नहीं रहता. दूसरा इसी प्रांगण में बना कोठी घर और तीसरा निवास रायगढ़ रोड में निर्मित बंगला, जिसे तपस्या कहा जाता है. पैतृक रूप से इनकी संपत्ति में सरगुजा की आराध्य देवी महामाया का मंदिर होने कारण उसकी देख रेख भी इनके परिवार के जिम्मे होती है. महामाया देवी सरगुजा राजपरिवार की कुल देवी हैं.
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राजनीतिक जीवन का शुरुआती दौर: 1983 में अम्बिकापुर नगर पालिका परिषद बनने के बाद टीएस सिंहदेव ने पहली बार चुनाव लड़ा और 2 बार नगर पालिका अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद कांग्रेस की ओर से राजनीति में सक्रिय रहे. सन 1983 में राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले टीएस सिंहदेव प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के सदस्य, नगर पालिका परिषद अंबिकापुर के अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस पर्यावरण प्रकोष्ठ के संयोजक और सेवा दल के जिलाध्यक्ष रहे. 2003 में छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष बने, इस दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था. टीएस सिंहदेव अंबिकापुर सीट से पहली बार 2008 में विधायक निर्वाचित हुए. 2013 फिर उन्होंने जीत दर्ज की. इस दौरान टीएस सिंहदेव नेता प्रतिपक्ष रहे. वहीं 2018 में तीसरी बार कांग्रेस की टिकट से विधायक चुने गए. इसी कार्यकाल के दौरान 2023 में उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया.

इस साल एक फिर चुनावी मैदान में दिखेंगे सिंहदेव

विवाद के बाद सिंहदेव ने पंचायत मंत्रालय छोड़ा: वर्तमान सरकार में टीएस सिंहदेव, सीएम भूपेश बघेल के मंत्रीमंडल में मंत्री बनाये गये और उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, 20 सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन, वाणिज्यिक कर के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन बीच में अपनी ही सरकार के काम को लेकर एक विवाद के बाद टीएस सिंहदेव ने पंचायत मंत्रालय छोड़ दिया. जिसके बाद वो प्रदेश के डिप्टी सीएम के साथ साथ ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, 20 सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.

अपना ही सरकार से असंतुष्ट दिखे सिंहदेव
एक फिर चुनावी मैदान में दिखेंगे सिंहदेव: 2018 में अंबिकापुर विधानसभा में कुल 226012 मतदाता थे, जिसमे से 178749 मतदाताओं ने मतदान किया था. यहां मतदान का प्रतिशत 79.09 प्रतिशत रहा. कांग्रेस के टीएस सिंहदेव को 100439 करीब 56 फीसदी वोट मिले थे, जबकि उनके खिलाफ मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी अनुराग सिंहदेव को 60815 करीब 34 फीसदी वोट मिले. सिंहदेव ने पिछला विधानसभा चुनाव 39 हजार 624 मतों के भारी अंतर जीता था. क्षेत्र के लोगों में जमीनी पकड़ और हर व्यक्ति से सीधा सम्पर्क होना टीएस सिंहदेव की सबसे बड़ी ताकत है. यही वजह है कि हर विधानसभा चुनावों में लगातार उनके जीत का अंतर बढ़ता जा रहा है. अब 2023 में एक बार फिर टीएस सिंह अम्बिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
Last Updated : Oct 8, 2023, 7:39 AM IST

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