सरगुजा:स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में नंबर दो का खिताब हासिल करने वाले नगर निगम अंबिकापुर ने कचरे से कमाई का भी रिकॉर्ड कायम कर लिया है. अंबिकापुर नगर निगम में सिर्फ कचरे के दम पर साढ़े सात करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है. अंबिकापुर नगर निगम ने प्रदेश कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला पहला नगरीय निकाय बन गया है. नगर निगम की इस कमाई से ना सिर्फ स्वच्छता सर्वेक्षण के काम किए जा रहे हैं, बल्कि समूह में काम करने वाली 450 महिलाओं को रोजगार के अवसर भी दिए हैं.
कचरे से कमाई में प्रदेश में नंबर 1 अंबिकापुर नगर निगम 3 साल में साढ़े सात करोड़ की आमदनी
नगर निगम को बीते 3 साल में साढ़े सात करोड़ की आमदनी इसी कचरे से हुई है. दरअसल 4 करोड़ 75 लाख रुपए की कमाई समूह की महिलाओं ने लोगों के घरों से यूजर चार्ज लेकर एकत्र किए हैं. अंबिकापुर में हर एक घर से 50 रुपए प्रति महीने लिया जाता है. वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से 100 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है. कुछ होटलों और मेडिकल प्रतिष्ठानों से ज्यादा मात्रा में कचरा निकलने की वजह से उन पर विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है.
कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं कचरे से सर्वाधिक कमाई करने वाला पहला नगरीय निकाय
वहीं नगर निगम ने प्राप्त कचरे में से सूखे कचरे को अलग-अलग करके बेचने के बाद एक करोड़ 97 लाख रुपए की कमाई की है. इसके साथ ही गीले कचरे का निपटान कर उस से खाद बनाने की प्रोसेस से अंबिकापुर नगर निगम को 85 लाख 19 रुपए की आय हुई है. अब तक अंबिकापुर नगर निगम को कुल साढ़े सात करोड़ रुपये की कमाई हुई है, जो प्रदेश की बाकी निकायों की तुलना में सर्वाधिक है.
गार्बेज क्लिनिक अंबिकापुर 2015 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत
अंबिकापुर नगर निगम ने साल 2015 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और उसके प्रबंधन की शुरुआत की थी. शुरुआत में यह काम बहुत छोटे स्तर पर शुरू किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे यह वृहद रूप ले चुका है.
स्वच्छता को लेकर जागरुक अंबिकापुर के रहवासी 48 वार्डों में 457 महिलाएं करती हैं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
अंबिकापुर नगर निगम के 48 वार्डों में महिला समूह की 457 महिलाएं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं. यह महिलाएं शहर के करीब 24 हजार मकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से कचरा कलेक्शन करती हैं. गांव के पास 34 ई-रिक्शा और 100 मैनुअल हाथ चलित रिक्शा उपलब्ध है. जिसके सहारे कचरे को SLRM (Solid and Liquid resource Management) सेंटर तक लाया जाता है. वहीं बड़े व्यवसायिक संस्थानों के अधिक कचरे को SLRM सेंटर तक लाने के लिए 6 ऑटो टिपर की व्यवस्था की गई है.
कचरे के प्रबंधन के लिए बनाए गए हैं 18 केंद्र
शहर से इकट्ठे होने वाले इस कचरे के प्रबंधन के लिए कुल 18 केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 17 केंद्रों में कचरे को अलग-अलग छांटा जाता है. वहीं एक एक केंद्र में एग्रीगेशन का काम किया जाता है. कचरा प्रबंधन के इस कार्य में लगी महिलाओं को प्रतिमाह 7 हजार रुपए वेतन के रूप में दिया जाता है. अंबिकापुर शहर में 50 मीट्रिक टन कचरा प्रतिदिन निकलता है. औसतन देखा जाए तो 1500 मीट्रिक टन कचरा एक महीने और 18 हजार मैट्रिक टन कचरा एक साल में अंबिकापुर के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलता है.
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बकाया यूजर चार्ज देने की अपील
नगर निगम आयुक्त हरेश मंडावी कहना है कि, 'वह अभी इस दिशा में और अधिक जोर लगाएंगे और पूरा प्रयास करेंगे कि कचरा प्रबंधन से नगर निगम की आय बढ़ सके. जिससे समूह की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने पर भी विचार किया जा सके.' वहीं नगर निगम आयुक्त ने शहरवासियों से बकाया यूजर चार्ज देने की अपील भी की है.