सरगुजा : लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.. कवि हरिवंश राय बच्चन की इन लाइनों को सार्थक किया है छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर अंबिकापुर ने. इस शहर ने स्वच्छता के क्षेत्र में ऐसे काम की शुरुआत की, जिसके प्रयोग के समय ही असफलता का डर सता रहा था, बिना योजना, बिना बजट के इतनी बड़ी चुनौती कुछ महिलाओं के कंधों पर थी, लेकिन 2014 से अब तक अंबिकापुर ने लगातार जो चमत्कार किए हैं जिसका ना सिर्फ पूरा देश बल्कि पड़ोसी मुल्क भी तारीफ करता है.
दरअसल, कोरोना के संकट और लॉकडाउन के बीच एक अच्छी खबर सामने आई, स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले नगर निगम अंबिकापुर ने देश में अपना सर्वोच्च स्थान बरकरार रखा है. नगर निगम को इस बार फिर से फाइव स्टार रैंक दिया गया हैं. रैंकिंग की इस सूची में अंबिकापुर का नाम सबसे पहले है, उसके बाद मैसूर, राजकोट, सूरत, इंदौर, नवी मुंबई के नाम शामिल है. इस उपलब्धि के बाद अंबिकापुर के स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर वन आने की उम्मीद बढ़ गई है.
अंबिकापुर नगर निगम ने देश के 5 अन्य शहरों के साथ फाइव स्टार रैंकिंग की सफलता हासिल की है. इस परिणाम की घोषणा मंगलवार को वेबकास्ट के जरिए केंद्रीय शहरी विकास एवं आवासीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की है.
पढ़ें-छत्तीसगढ़ के लिए खुशखबरी: अंबिकापुर कचरा मुक्त शहर घोषित, मिले 5 स्टार
अंबिकापुर को मिल चुके हैं एक हजार अंक
इस बार संपन्न हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम अब घोषित होने शुरू हो गए हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत पूर्व में ही अंबिकापुर नगर निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा दिया गया था. हालांकि अंबिकापुर वर्ष 2019 में ही 5 स्टार का दर्जा प्राप्त कर चुका है. इस बार होने वाले 6000 अंकों के स्वच्छता सर्वेक्षण में गार्बेज फ्री सिटी के 5 स्टार रैंकिंग में अंबिकापुर को 1000 अंक मिल चुके हैं जबकि 250 अंक नगर निगम को पूर्व में ओडीएफ प्लस प्लस के मिले थे.
7 स्टार रेटिंग की नहीं हुई घोषणा