हैदराबाद\रायपुर: हिन्दू धर्म में शनि देव (Shani Dev) को कर्म देवता (God of Karma ) माना गया है. भक्तों के कर्मों का फल शनि भगवान जरूर देते हैं. इसलिए कहते हैं कि हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए. लेकिन कई बार हमसे ना चाहते हुए भी कुछ ऐसे काम हो जाते हैं जिनका फल भोगना ही पड़ता है. ऐसे में पूरे विधि-विधान, श्रद्धा भाव से शनि देव की पूजा करने से कुंडली के सभी दोष दूर हो जाते हैं.
न्याय के देवता माने जाते हैं शनि देव (god of justice)
शनि देव को कष्ट दूर और न्याय का देवता कहा जाता है. शनि देव व्यक्ति को उसके अच्छे काम और बुरे कामों के अनुसार फल देते हैं. कहा जाता है अगर शनि देव किसी से नाखुश हैं तो उसके जीवन में कष्टों का आगमन होने लगता है. मान्यता है कि अगर किसी का शनि ग्रह अच्छा हो तो सफलता उसे जरूर प्राप्त होती है, लेकिन शनि ग्रह अच्छा न हो तो व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आती रहती हैं. कहा जाता है कि शनि को शांत करने के लिए अगर शनिवार को पूजा-अर्चना की जाए तो शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति की सभी परेशानियों को हर लेते हैं.
पूजा और व्रत से कष्ट होते हैं दूर (Worship method Shani dev)
शनिदेव को खुश करने के लिए लोग हर तरह के उपाय करते हैं, लेकिन जब बात दान-दक्षिणा देने से भी नहीं बनती तो व्रत रखना ही सर्वोत्तम उपाय होता है. बहुत से लोग शनिवार का व्रत रखते हैं या रखना चाहते हैं, लेकिन उनको पता नहीं होता कि शुरुआत कैसे करें. किन नियमों का पालन करें. जो लोग शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं, उनको ये व्रत करना चाहिए. इससे साढ़ेसाती के कारण आने वाली परेशानियां कम हो जाती हैं. अगर आप ये व्रत रखना शुरू करना चाहते हैं तो शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार से व्रत आरंभ करें. शनिवार को विधि-विधान से शनिदेव की पूजा की जानी चाहिए.
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आइए जानते हैं शनिदेव की पूजा विधि (ShaniDev Pooja Vidhi )