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डायल 112 ने 400 बालिकाओं को वधू बनने से रोका

डायल 112(dial 112) की टीम ने अब तक 400 से ज्यादा बाल विवाह (child marriage in chhattisgarh) रुकवाए हैं. टीम को पिछले 2 सालों में बाल विवाह (child marriage ) की कई शिकायतें मिली हैं. शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए टीम ने सभी जगहों पर बाल विवाह रोककर परिजनों को समझाइश दी है.

team of dial 112 has stopped more than 400 child marriage in chhattisgarh
बाल विवाह

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Published : Jul 19, 2021, 8:30 PM IST

रायपुर : बाल विवाह समाज के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है. छत्तीसगढ़ में नेता और अधिकारी भले ही बाल विवाह न के बराबर होने के दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही हाल बयां करती है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण परिवेश में आज भी बाल विवाह (child marriage in chhattisgarh) की प्रथा जारी है. आंकड़ों की बात करें तो डायल 112 (dial 112) को महज ढाई साल में 400 से ज्यादा बाल विवाह की शिकायत मिली है. टीम ने मौके पर पहुंचकर कई बालिकाओं को वधू बनने से बचाया है.

डायल 112 ने रुकवाया बाल विवाह

बिलासपुर में सबसे ज्यादा शिकायत दर्ज

छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा बाल विवाह की शिकायत मिली है. बिलासपुर जिला इसमें सबसे आगे है. बिलासपुर में डायल 112 को 94 बाल विवाह की शिकायत मिल चुकी है. उसके बाद सरगुजा दूसरे स्थान पर और जांजगीर-चांपा तीसरे स्थान पर रहा है. सरगुजा में 69 और जांजगीर-चांपा में 56 नाबालिगों की शादी का मामला प्रकाश में आया है.

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बाल विवाह के जिलेवार आंकड़े

बाल विवाह के मिले आंकड़ों पर एक नजर डालें तो बस्तर में 9, बिलासपुर में 94, दुर्ग में 17, जांजगीर-चांपा में 56, कबीरधाम में 24, कोरबा में 39, महासमुंद में 11, रायगढ़ में 42, रायपुर में 30, राजनांदगांव में 11, सरगुजा में 69 और इसके साथ ही कुल 402 मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़े 1 सितंबर 2018 से लेकर 15 मई 2021 के बीच के हैं. जिसमें डायल 112 ने 402 बाल विवाह रुकवाए हैं.

सूचना मिलते ही पहुंचती है डायल 112 की टीम

प्रदेश में डायल 112 को मिल रहे बाल विवाह के मामले और उसे रोकने के लिए उठाए गए कदम को लेकर एसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि इमरजेंसी सेवा में जो भी व्यक्ति जिस प्रकार की सेवा के लिए मदद मांगता है और उस दौरान हमारा मुख्य उद्देश होता है कि तत्काल उसके पास पहुंचकर हर संभव मदद किया जाए. इस कड़ी में पिछले 2 साल में लगभग 400 से ज्यादा बाल विवाह से संबंधित सूचनाएं प्राप्त हुई है. सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और महिला एवं बाल विकास की टीम के साथ कार्रवाई करते हुए शादी को रुकवाया.

एसपी ने बताया कि समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से वह बाल विवाह रोकने के लिए लोगों को जागरूक करते हैं. बाल विवाह एक कानूनी अपराध है, जिसकी इजाजत समाज ही नहीं बल्कि कानून भी नहीं देता है.

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महिला एवं बाल विकास विभाग के पास दर्ज है कई केस

बाल विवाह के यह वे मामले हैं जो डायल 112 में शिकायत के बाद संज्ञान में आए हैं. इसके अलावा भी ऐसे बाल विवाह के कई मामले हैं जो महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य जगहों पर दर्ज हैं. अगर उन आकड़ों को भी जोड़ा जाए तो यह संख्या और भी बढ़ सकती है.

समाज में जागरूकता की जरूरत

बहरहाल 400 से ज्यादा बाल विवाह को तो डायल 112 की टीम ने रोक दिया है लेकिन आज भी दूरस्थ अंचलों में बाल विवाह बदस्तूर जारी है. उन्हें रोकने के लिए शासन प्रशासन स्तर पर बड़े पैमाने पर कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही समाज के बुद्धिजीवियों के को भी जागरूक करने के लिए आगे आना होगा तब कही जाकर बाल विवाह को रोकने में कामयाबी मिल सकेगी.

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