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SPECIAL:रियल एस्टेट कारोबार आया पटरी पर,अपने घर का सपना हो सकेगा पूरा

रियल एस्टेट में लंबे लॉकडाउन के बाद बेहतर ऑफर से लोगों का अब अपना मकान बनाने का सपना सच होता दिख रहा है. छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट सेक्टर में चल रहे मंदी का असर अब धीरे-धीरे छंटता हुआ दिख रहा है. बैंकों की भी होम लोन की ब्याज दरें पुरानी स्थिति में आ चुकी है.देखिए छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट कारोबार की स्थिति पर ETV भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

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रियल एस्टेट कारोबार

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Published : Oct 23, 2020, 2:26 PM IST

रायपुर:कोविड-19 संक्रमण ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. हर स्तर पर इसका बुरा असर ही देखने को मिला है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अच्छे दिन भी आए हैं. हम बात कर रहे हैं, रियल एस्टेट सेक्टर की. जहां सभी कारोबार धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगे हैं तो वहीं रियल एस्टेट बिजनेस ने तेजी पकड़ ली. बैंकों की ओर से ब्याज दर 7 फीसदी से भी नीचे आ चुका हैं. यही वजह है कि अब लोग अर्फोडेबल हाउसिंग स्कीम की ओर रुझान दिखा रहे हैं. रियल एस्टेट के एक्सपर्ट का कहना है कि अब मार्केट में आ रहे खरीदारों को ध्यान में रखते हुए कम बजट के ही मकानों पर फोकस कर रहे हैं.

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पिछले कई वर्षों से रियल एस्टेट मार्केट में वैसे ही मंदी की मार चल रही थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में सत्ता सरकार बदलने के साथ ही किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल करने और कर्ज माफी करने जैसे बड़े निर्णय का असर पूरे मार्केट पर देखने को मिला है. हालांकि कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते पिछले 6 महीने से मार्केट में फ्लो नहीं आ पाया है. अब जिस तरह से मार्केट में ट्रेंड चेंज हुआ है उसकी वजह से छत्तीसगढ़ का रियल एस्टेट कारोबार पटरी पर लौटने लगा है.

फाइनेंस की भी फैसिलिटी

रियल एस्टेट कारोबार में उछाल

कोविड के दौरान लोग अब कम खर्चों पर ही गुजारा करने में जोर दे रहे है. किराए के मकानों के बजाय खुद की मकानों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. राठी बिल्डमार्ट के एमडी अजय राठी बताते हैं कि अब कोविड-19 में भी उन्होंने अर्फोडेबल रेट में प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इस प्रोजेक्ट में मिडिल क्लास और जरूरतमंद सेगमेंट को भी ध्यान रख कर 95 फीसदी तक फाइनेंस फैसिलिटी दे रहे हैं. मार्केट में अभी जरूरतमंद लोग ही खरीदार हैं, इसके लिए कम मार्जिन पर भी तमाम ऑफर के साथ प्रोजेक्ट आ रहे है.

होम लोन की दर कम

रियल स्टेट के कारोबार में अब डिमांड बढ़ने का एक बड़ा कारण होम लोन के ब्याज दर में कमी भी माना जा रहा है. दरअसल होम लोन की ब्याज दरें अब वर्षो पुरानी स्थिति में लौट चुकी है. इसके पहले कई साल पहले होम लोन की ब्याज दर 8 फीसदी से नीचे गई थी, जो कि वर्तमान में अब 7 फीसदी से भी कम हो चुकी है. वर्तमान में देश के सबसे बड़े बैंकिंग नेटवर्क स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंकों में होम लोन की दरें 6.90 फीसदी तक उपलब्ध है.

बैंकों की ओर से दी जा रही है विशेष छूट

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एजीएम अंजली प्रकाश ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि बैंक की ओर से होम लोन 6.90 फीसदी के लिहाज से कस्टमर को उपलब्ध कराया जा रहा है. महिलाओं को पाइंट जीरो फाइव (.05) प्रतिशत की छूट अतिरिक्त दी जा रही है. डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए एसबीआई यूनो ऐप के जरिए लोन लेने के लिए आवेदन करने पर पॉइंट 0.05 फीसदी छूट भी दी जा रही है. एसबीआई की ओर से होम लोन के आवेदन किए जाने पर जल्द से जल्द लोन अप्रूव्ड कराने के लिए कस्टमर्स को मदद करने पूरी टीम काम कर रही है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पुराने लोन जो कि पुराने ब्याज दर पर चल रहे हैं उन्हें भी फिक्स अमाउंट के साथ में वर्तमान ब्याज दर पर कन्वर्ट कराने के लिए ग्राहकों को सुविधा दी जा रही है. इतना ही नहीं एसबीआई प्रोसेसिंग फीस में भी कस्टमर्स को छूट दे रही है.

मीडियम रेंज के प्रोजेक्ट पर ही फोकस

रियल स्टेट एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिस तरह से बीते कुछ साल में रियल स्टेट सेक्टर में ट्रेन्ड रहा है कि लोग लग्जरी फ्लैट्स और महंगे कालोनियों पर ही फोकस कर रहे थे. शहर के तमाम प्राइम लोकेशन पर लाखों- करोड़ों के महंगे फ्लैट और हाउस से रिलेटेड प्रोजेक्ट धड़ाधड़ आ रहे थे. कोविड के इस दौर में अब जब लंबे समय तक लॉकडाउन रहा है. ऐसे में लोग कम खर्चों के साथ अपनी आवश्यकताओं और जीवन को चलाने में फोकस करने लगे हैं. यही वजह है कि लोग अब खुद के घरों पर जोर दे रहे हैं. इसलिए रियल एस्टेट सेक्टर में भी महंगे हाउस और महंगे फ्लैट की जगह मिडिल रेंज के कालोनियों पर फोकस कर रहा है.

किराए की जगह खुद की प्रॉपर्टी पर रुझान

जिस तरह से राजधानी बनने के बाद से ही रायपुर में प्रदेश ही नहीं बल्कि दूसरे प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग आकर नौकरी कर रहे हैं. लंबे समय से किराए के मकान में रहने वाले लोग अब खुद का मकान खरीदने में जोर दे रहे हैं. कोविड काल में जिस तरह से कॉलोनियों में कंटेनमेंट जोन और अन्य तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है ऐसे में अब लोग अपने घरों पर फोकस कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि बैंकों के होम लोन भी काफी कम ब्याज पर उपलब्ध हो रहे हैं. ऐसे में घरों का किराया देने की जगह अब खुद के घरों की EMI पटाने में भरोसा कर रहे हैं.

कई तरह के ऑफर

कोविड-19 में जहां बैंकों में भी कई तरह के ऑफर मिल रहे हैं. ऐसे में रियल एस्टेट कारोबारी भी अपने प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द हेंड ओवर करने में जोर दे रहे हैं. यही वजह है कि पुराने प्रोजेक्ट को लेकर भी अब इसे जल्द से जल्द कंप्लीट कर हैंडओवर करने में बिल्डर तेजी से काम कर रहे हैं. रनिंग प्रोजेक्ट में भी कई तरह के ऑफर और पुराने रेट में भी कई तरह के काम प्रॉमिस करके लोगों को बेचने के लिए मकान निकाल दिए जा रहे हैं.

रेडी पजेशन में उपलब्ध मकान

इस तरह से रियल एस्टेट सेक्टर में तमाम तरह के ऑफर और बैंकों से मिल रहे सस्ते लोन की वजह से छत्तीसगढ़ में अब रियल एस्टेट मार्केट में थोड़ा फ्लो जरूर पकड़ा है. विशेषज्ञों से बात करने पर यह भी माना जा रहा है कि बीते वर्षों के मुकाबले यह साल रियल एस्टेट मार्केट के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है. इसकी दो बड़ी वजह है कि ब्याज दरों में ऐतिहासिक कमी के बाद प्रॉपर्टी की कीमतें भी पिछले साल से स्थिर बनी हुई है. राजधानी में ही हजारों फ्लैट, मकान और जमीन रेडी पजेशन में उपलब्ध है. जहां लोग आसानी से कम बुकिंग अमाउंट के साथ ही अपने मनचाहे घर का सपना पूरा कर सकते हैं.

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