हैदराबाद/रायपुरःहिंदू धर्म (Hindu Religion) में हर साल पड़ने वाले शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) को लेकर तैयारियां लगभग अंतिम दौर में हैं. इसके तहत नौ दिनों तक मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा और अर्चना की जाएगी. श्रद्धालु मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उपवास भी रखते हैं. विद्वानों के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) में मां दुर्गा का आगमन पालकी और प्रस्थान हाथी पर हो रहा है.
ज्योतिषाचार्यों (astrologers) के अनुसार इस बार नवरात्रि 9 दिनों की बजाय 8 दिनों का होगा. दो तिथियों के एक साथ पड़ने की वजह से तृतीया और चतुर्थी (Tritiya and Chaturthi) तिथि एक साथ पड़ रही है. पंचांग के अनुसार 9 अक्टूबर को तृतीया तिथि सुबह 07 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी. यह 10 अक्टूबर को सुबह 5 बजे तक रहेगी.
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी. मां का यह रूप देवी पार्वती का विवाहित रूप है. भगवान शिव के साथ विवाह के बाद देवी महागौरी ने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण किया. इसलिए उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा. चंद्रघंटा को शांतिदायक और कल्याणकारी माना गया है. मां चंद्रघंटा की विधि पूर्वक पूजन-अर्चन करने से जीवन में उन्नति, धन, स्वर्ण, ज्ञान और शिक्षा की प्राप्ति होगी.
ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजाः
चौकी पर स्वच्छ वस्त्र पीत बिछा कर मां चंद्रघंटा की प्रतिमां को स्थापित करें. गंगा जल छिड़क कर इस स्थान को शुद्ध करें. वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा का षोडशोपचार पूजा करें. मां को गंगा जल, दूध, दही, घी शहद से स्नान कराने के पश्चात वस्त्र, हल्दी, सिंदूर, पुष्प, चंदन, रोली, मिष्ठान और फल का अर्पण करें.
नौ अक्टूबर को होगी मां के चतुर्थ स्वरूप की पूजा