रायपुर :छत्तीसगढ़ में तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा भी अब तेजी से बढ़ने लगा है. रोजाना 6 से 7 मरीजों की मौत (Seven people die every day in Chhattisgarh due to Corona) कोरोना से हो रही है. कई ऐसे भी मरीज हैं, जिनको कोरोना के साथ अन्य बीमारियां भी थीं. रोजाना होने वाली मौतों में उनका आंकड़ा 90 प्रतिशत है. प्रदेश में ऐसी स्थिति कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देखने को मिली थी, जब डेल्टा प्लस वैरिएंट से छत्तीसगढ़ में तेजी से लोगों की मौत हो रही थी. ऐसे में क्या डेल्टा प्लस वैरिएंट का वायरस अभी भी लोगों को संक्रमित कर रहा है? यह एक बड़ा सवाल बना है. ओमीक्रोन और डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण (Omicron and Delta Plus Variant Characteristics) क्या हैं, इस बारे में ईटीवी भारत ने छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता से खास बातचीत की. तो आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.
छत्तीसगढ़ में कोरोना से रोज करीब 7 मौत तीसरी लहर में दोबारा तेजी से संक्रमित हो रहे लोग छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता (Chairman of Chhattisgarh Hospital Board) ने बताया कि ऐसा कहा जा रहा था कि वैक्सीनेशन से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़नी कम हो जाएगी, लेकिन तीसरी लहर में दोबारा तेजी से लोग संक्रमित हो रहे हैं. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. कभी भी ऐसा नहीं कहा गया कि वैक्सीनेशन पूरा हो जाने के बाद कोई संक्रमित नहीं होगा. वैक्सीनेशन के बाद भी हमें सख्ती से कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा. वैक्सीनेशन संक्रमण रोकने की हमारी दूसरी दीवार है. पहली दीवार अभी भी यही है कि हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से करना होगा. संक्रमण तेजी से बढ़ने का कारण सामाजिक अनुशासनहीनता है और कुछ नहीं. जो लोग वैक्सीनेशन करवा चुके हैं, वे सामाजिक अनुशासनहीनता के कारण ही दोबारा संक्रमित हो रहे हैं.
नहीं बरती सावधानी तो तेजी से फैलेगा संक्रमण
उन्होंने आगे बताया कि अगर लोग सावधानी नहीं बरतेंगे तो आगे भी संक्रमण तेजी से फैल सकता है. जिन लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है और जो वैक्सीन का एक डोज लेने के बाद दूसरा डोज नहीं लिये हैं, उनको कोरोना सीवियर हो सकता है . आने वाले समय में जो वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाही बरतते हैं, उन्हें सीरियस संक्रमण हो सकता है. यानी वह अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं. जो मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, वह ऐसे ही लोगों के कारण बढ़ रहा है. पिछले कुछ दिनों में कोरोना से जिनकी मौत हुई है, उसमें छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत लोगों को दूसरी बीमारियां (90 Percent of The People Who Died of Corona Had Other Diseases) भी थी.
वैक्सीनेशन के बाद भी सामाजित दूरी का पालन जरूरी
पहले भी बहुत स्पष्ट शब्दों में हमारे डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर आपने वैक्सीनेशन करा भी लिया है तब भी सामाजिक दूरी का पालन करना ही होगा. जो लोग पहले से कोई भी दवा ले रहे हैं या पहले से जो लोग ब्लड प्रेशर, शुगर, हार्ट, टीबी या मोटापे से ग्रस्त मरीजों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम होती है. ऐसे लोग वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं. हमें यह सोचकर नहीं चलना चाहिए कि अब कम तीव्रता वाला सिर्फ ओमीक्रोन वैरिएंट ही है. डेल्टा प्लस वाइरस अभी भी मौजूद है.
तो क्या ओमिक्रोन के साथ-साथ डेल्टा और डेल्टा प्लस की मौजूदगी से छत्तीसगढ़ में बढ़ रहा मौत का आंकड़ा
कोरोना के अलग-अलग प्रकार के वायरस एक ही समय में मौजूद रह सकते हैं. पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन अब यह साबित भी हो गया है. डेल्टा प्लस वैरिएंट बहुत खतरनाक था. इससे बहुत लोगों की जानें गईं. इसका वायरस अभी भी मौजूद है. ओमीक्रोन के मरीज भी अभी ज्यादा संख्या में हैं. अगर संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है, जैसे अगर संक्रमित मरीज प्रदेश में लाख दो लाख होते हैं तो यह हो सकता है कि 200 मरीज सीरियस होकर हॉस्पिटल में एडमिट होंगे ही. ऐसे में आने वाले दिनों में बहुत ज्यादा सावधानी की जरूरत है.
ओमीक्रोन और डेल्टा प्लस के ये हैं लक्षण
डेल्टा प्लस के लक्षण
- सूखी खांसी.
- बुखार.
- थकान महसूस होना.
- त्वचा पर चकत्ते.
- गले में खराश.
- स्वाद और गंध की हानि.
- सिर दर्द.
- दस्त लगना.
- सांस फूलना.
- सीने में दर्द.
- सांस लेने में कठिनाई.
- बोलने में तकलीफ.
ओमिक्रोन के लक्षण - बहुत ज्यादा थकान.
- गले में चुभन.
- हल्का बुखार.
- रात को पसीना आना.
- शरीर में दर्द.
- सूखी खांसी.
- नाक बेहना.
- गले में खरास.
वायरस लगातार खुद को कर रहे म्यूटेट, आगे दिख सकता है और अलग म्यूटेशन
डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि जब डॉक्टरों की लड़ाई ऐसे बैक्टीरिया या वायरस से होती है तो स्वाभाविक रूप से वायरस या बैक्टीरिया अपने आगे की पीढ़ियों को बचाने के लिए अपने आकार और व्यवहार में परिवर्तन करता है. दवाइयों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता लाता है, ताकि दवाइयों से उसको हानि न हो, यह बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है. लेकिन फिर भी वैक्सीनेशन और सामाजिक गाइडलाइन का पालन कर हमने इस पर विजय पाई है. आने वाले दिनों में स्वाभाविक रूप से इसके अलग-अलग स्ट्रेन भी देखने को मिल सकते हैं. जैसे अभी ओमीक्रोन, डेल्टा और डेल्टा प्लस अलग-अलग वैरिएंट देखने को मिलेंगे. आने वाले दिनों में परिवर्तन तो होगा. कभी कोई वैरिएंट कम तीव्र होगा तो कभी कोई ज्यादा. लेकिन फिर भी सावधानी और वैक्सीनेशन से हम इसपर विजय पा सकते हैं.
वायरस खुद को बचाने के लिए हो सकता है म्यूटेट, सावधानी की जरूरत
वहीं छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि जब तक बहुत बड़ी संख्या में मरीजों की स्टडी नहीं होती है, तब तक किसी भी वैरिएंट के बारे में पता लगाना मुश्किल होता है. फिर भी अमेरिका, यूरोप में जो जींस है वह भारतीय जींस से थोड़ा अलग है. जैसे हमने देखा है कि मृत्यु दर अमेरिका यूरोप जैसे देशों में डेल्टा प्लस वायरस से काफी ज्यादा रहा. हालांकि भारत में भी डेल्टा प्लस से कई लोगों की मौत हुई है, लेकिन आबादी की तुलना में इसका प्रभाव थोड़ा कम रहा है. हमें पर्याप्त सावधानी बरतनी है, क्योंकि वायरस अपने अलग-अलग वैरिएंट से हमें चौंका सकता है.