रायपुर:छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाओं की शुरुआत करती आई है. इसमें से नरवा,गरवा, घुरवा, बारी जैसी योजना सरकार ने सत्ता में आते ही शुरू की थी. यह योजना कांग्रेस सरकार की टैग लाइन बन चुकी है. इस योजना की तारीफ देश के साथ ही विदेशों तक हो चुकी है. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के सफल होने के साथ अब राज्य सरकार 'रोका-छेका संकल्प अभियान' की शुरुआत करने जा रही है. रोका छेका की प्रथा छत्तीसगढ़ में वर्षो से चली आ रही है, जिसे अब सरकार योजना के रुप में लेकर आई है. किसान संगठनों ने राज्य सरकार की इस पहल का स्वागत किया है.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश भर में 19 जून से रोका छेका संकल्प अभियान की शुरुआत करने जा रही है. इस अभियान के तहत सभी पशुपालकों से आस-पास को स्वच्छ रखने का संकल्प पत्र भरवाया जाएगा. छत्तीसगढ़ में मानसून के आते ही सभी किसान बोआई की तैयारी में जुट गए हैं. ऐसे में फसल को मवेशियों से बचाए रखना किसानों के लिए बड़ी चुनौती होती है. प्रदेश में वर्षों से बोआई का काम शुरू होने के साथ ही गांव में रोका छेका अभियान शुरू कर दिया जाता था.
रोका छेका की परंपरा
छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के सदस्य जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पशुपालक रोका छेका के दौरान अपने मवेशियों को चराने के लिए चरवाहों को दिया करते थे. ये चरवाहे पूरे गांव के मवेशियों को चराया करते हैं. गांव में रोका छेका लगने से फसलों को मवेशियों के होने वाले नुकसान से बचाया जाता है. छत्तीसगढ़ में मानसून के बाद से ही गांव में रोका छेका शुरू हो जाता है. प्रदेश सरकार के इस अभियान का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को यह योजना पूरे साल चलानी चाहिए, जिससे की रबि की फसलों के समय भी किसानों फायदा मिलेगा.
अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर 19 से 30 जून तक रोका छेका संकल्प अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान का उद्देश्य खरीफ फसलों और शहरों के आसपास स्थित खेत, बाड़ियों, उद्यानों आदि की सुरक्षा मवेशियों से करना है. नगरीय क्षेत्रों में अभियान के संबंध में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों, नगरपालिका निगम के आयुक्तों और नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
पशुपालकों से लिया जाएगा संकल्प पत्र
इस दौरान प्रदेश में फसलों और पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए पशुपालकों से संकल्प पत्र भरवाया जाएगा. इस रोका छेका अभियान के तहत पशुपालकों से अपने आसपास के वातावरण तथा शहर को स्वच्छ, साफ-सुथरा तथा दुर्घटनामुक्त रखने के लिए संकल्प पत्र भरवाया जाएगा, जिसके लिए नगरीय निकायों में मुनादी कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा.