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SPECIAL: पेट्रोल-डीजल में लगी 'आग' से जल रही जेब

छत्तीसगढ़ में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम से लोग परेशान हैं. पिछले कुछ दिनों से लगातार दामों में बढ़ोतरी हो रही है. बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के साथ नेताओं की भी नींद उड़ा दी है. सियासत भी तेज हो गई है.

Public facing problems due to increased of petrol and diesel price in chhattisgarh
पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम

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Published : Feb 16, 2021, 3:46 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 4:45 PM IST

रायपुर:पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. आए दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. छत्तीसगढ़ में भी लोग बढ़ती कीमतों से परेशान हैं. बढ़ती महंगाई से घर के बजट पर असर पड़ना शुरू हो गया है. पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 87 रुपए 53 पैसे प्रति लीटर की दर से पेट्रोल मिल रहा है. डीजल भी 85 रुपए 97 पैसे प्रति लीटर के लिहाज से लगातार बढ़त बनाए हुए है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने आम लोगों को किया परेशान

बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों में साफ नाराजगी साफ देखी जा रही है. प्रदेश की सत्ता पर बैठे लोग इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं बीजेपी बढ़ती कीमतों पर राज्य सरकार को वैट कम कर लोगों को राहत देने की बात कर रही है.

बढ़ते दाम ने बिगाड़ा बजट

2013 के आखिरी में जो महंगाई देश को खूब सता रही थी वह एक बार फिर से लौट आई है. पेट्रोल के दाम से आम लोग बेहद परेशान हैं. लॉकडाउन की वजह से लोगों के सामने पहले ही रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई थी. जैसे-तैसे जो जिंदगी पटरी पर लौट रही थी, उसपर अब महंगाई की मार पड़ने लगी है. पेट्रोल के बढ़ते दामों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है.

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राहत की उम्मीद कम

रायपुर पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के मेंबर राजेश नागपाल कहते हैं कि फरवरी की शुरुआत में पेट्रोल के दाम 84 रुपए 96 पैसे प्रति लीटर थे, जो कि महज 15 दिन में ही 87 रुपए 53 पैसे पहुंच गया है. डीजल का दाम 1 फरवरी को 82 रुपए 91 पैसे प्रति लीटर था, अब 85 रुपए 97 पैसे प्रति लीटर पहुंच गया है. जिस तरह से लगातार पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि हो रही है ऐसे में आने वाले समय में भी राहत की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. लॉकडाउन के समय जिस तरह से गवर्नमेंट को रेवेन्यू का लॉस हुआ है उस वजह से यह बढ़ोतरी हो रही है. ओपेक कंट्री की ओर से भी क्रूड का प्रोडक्शन कम किया गया है, यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है.

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पेट्रोल-डीजल खरीदने पहुंचे लोगों का कहना है कि आम हो या खास हर व्यक्ति पेट्रोल-डीजल पर निर्भर है. मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोगों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. लोग सरकार से लगातार राहत दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

बीजेपी ने कही वेट कम करने की बात
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर छत्तीसगढ़ में सियासी पारा भी तेज हो चुका है. छत्तीसगढ़ में सत्ता सरकार में बैठी कांग्रेस जहां इसके लिए केंद्र की सरकार को दोष दे रही है, वहीं प्रदेश में विपक्ष में बैठी भाजपा राज्य सरकार से टैक्स में राहत देने की मांग कर रही है. भाजपा के प्रवक्ता अमित चिमनानी कहते हैं कि पेट्रोल-डीजल के दामों में राज्य और केंद्र की दोनों सरकारों के टैक्स का बराबर अंश होता है. जब केंद्र सरकार से हम अपेक्षा करते हैं तो राज्य सरकारों से भी अपेक्षा करनी चाहिए कि इनके दाम आउट ऑफ कंट्रोल हो रहे हैं तो कुछ समय के लिए राज्य अपने वैट से लोगों को राहत दें. पिछली भाजपा सरकार में रमन सिंह ने वेट टैक्स में राहत देकर छत्तीसगढ़ के लोगों को सौगात दी थी.

कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने पेट्रोल-डीजल की दामों में हो रही मनमानी वृद्धि को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस ने कहा कि जहां एक तरफ आम लोग पहले से ही कोरोना काल में रोजी-रोटी के दिक्कत और आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. उस दौर में पेट्रोलियम के दामों में मनमानी वृद्धि की जा रही है, जब क्रूड ऑयल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम रही है तब भी महंगाई की मार आम जनता को झेलनी पड़ रही है.

जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश

पेट्रोलियम पदार्थों के लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार इसकी कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने की कोशिश में लगी हुई है. अगर ऐसा होता है तो इनकी कीमतों पर एकरूपता आ सकती है. फिलहाल पेट्रोल डीजल की कीमत हर राज्य में अलग है. जिसे वैट के तहत रखा गया है. जीएसटी के दायरे में पेट्रोल डीजल की कीमत के आने के बाद इसमें समानता आने की संभावना है.

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भाजपा सरकार ने वैट में दी थी राहत

अक्टूबर 2018 में जब लगातार पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ रही थी उस समय तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने लोगों को राहत देते हुए 2 रुपए की कमी की थी. 5 अक्टूबर 2018 को डीजल और पेट्रोल पर वैट की दर 25 से घटाकर 21% कर दी गई थी, वहीं कांग्रेस सरकार आने के बाद इसे फिर 25 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में वैट लगने से लोगों को मिलने वाली राहत अब नहीं मिल पा रही है.

राज्य सरकार भी ले रही सेस

जुलाई 2019 में केंद्र की ओर से डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और सेस के रूप में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी. इससे डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और शेष 15.83 और पेट्रोल पर 19.98 रुपए प्रति लीटर है. अभी राज्य में टैक्स के साथ पेट्रोल 87.53 रुपए प्रति लीटर और डीजल 85 .97 रुपए प्रति लीटर में बिक रहा है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 4:45 PM IST

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