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भाठागांव बस टर्मिनल पर फुटपाथी दुकानदारों ने किया चक्का जाम, निगम के खिलाफ मोर्चा

रायपुर में फुटपाथी दुकानदारों (sidewalk shoppers) ने मोर्चा खोल दिया है. यह मोर्चा उन्होंने निगम प्रशासन (Corporate Administration) के लाल फीताशाही के बाद खोला है. उनका कहना है कि दशकों से बस स्टैंड परिसर में दुकानों के सहारे जीविका चलाने वाले गरीबों के उपर बड़ा कुठाराघात किया गया है.

sidewalk shopkeepers demonstrated
फुटपाथी दुकानदारों ने किया प्रदर्शन

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Published : Nov 18, 2021, 6:18 PM IST

Updated : Nov 18, 2021, 6:28 PM IST

रायपुरःपंडरी बस स्टैंड के स्थानांतरण के बाद लगातार अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल भाठागांव (Interstate Bus Terminal Bhathagaon) में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिम्मेदारों की उपेक्षा के बाद भाठागांव में स्थानीय दुकानदारों ने चक्का जाम कर दिया. उन्हें अतिक्रमण के नाम पर पुलिस और निगम प्रशासन ने हटाना शुरू कर दिया है. जिसके बाद दुकानदारों की आजीविका पर ही संकट (crisis on livelihood) खड़ा हो गया है.

फुटपाथी दुकानदारों ने किया प्रदर्शन

उनका कहा है कि वह लंबे समय से सड़क किनारे अपना व्यवसाय (road side business) कर रहे हैं. अब कारोबार करने नहीं दिया जा रहा है. नगर निगम और पुलिस के द्वारा लगाई गई दुकानों को हटाया जा रहा है. जिसके विरोध में स्थानीय बस स्टैंड के सामने चक्का जाम कर दिया.

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नए टर्मिनल बस स्टैंड पर नहीं दिया गया जगह

देखा जाय तो लंबे समय से इस क्षेत्र में कमल की खेती की जाती है. ऐसे में सब्जी-भाजी बेचने वाले और व्यवसाय करने वाले लोग पिछले 20 सालों से सड़कों पर ही दुकान लगाकर अपना व्यवसाय किया करते थे. जब से पंडरी बस स्टैंड को नए टर्मिनल बस स्टैंड के रूप में भाठागांव में शिफ्ट किया गया, तब से दुकान लगाने ही नहीं दिया जा रहा है.


बस स्टैंड बनने से पहले इस क्षेत्र में चाय की दुकान, सब्जी दुकान, गुमटी लगाकर स्थानीय लोग काम किया करते थे. नए बस टर्मिनल में स्थानीय लोगों को जगह नहीं देने के कारण लोगों में नाराजगी है. कहना है कि वह एक जगह चाहते हैं. ताकि वह अपनी जीविका को चला सकें.

भाठागांव सुरक्षा समिति के संरक्षक प्रभात मिश्र ने कहा कि गरीब यहां लंबे समय से व्यवसाय करते रहे हैं. आज उन्हें बेदखल किया जा रहा है. ऐसे में उनके लिए अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में निगम प्रशासन की गरीबों की सीधी उपेक्षा की जा रही है. जिम्मेदारी बनती है कि राजधानी में गरीब लोगों के आजीविका के प्रति भी सरकार एवं प्रशासन संवेदनशील बने.

Last Updated : Nov 18, 2021, 6:28 PM IST

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