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छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र : सेस की राशि, किसान आत्महत्या के मुद्दे पर हंगामा - Budget session of Chhattisgarh Legislative Assembly

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के पांचवें दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने सेस की राशि को लेकर सरकार को घेरा. नेता प्रतिपक्ष ने किसानों की आत्महत्या पर मुआवजे का सवाल भी उठाया.

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सदन में हंगामा

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Published : Feb 26, 2021, 12:01 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 1:37 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 5वें दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही. गोधन न्याय योजना के खर्च को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने शराब टैक्स से गौठान विकास और रखरखाव का मुद्दा उठाया. कृषि मंत्री ने जवाब दिया कि सेस जिस उद्देश्य के लिए लगाया गया है, उसी उद्देश्य के लिए ही खर्च किया जा रहा है. विपक्ष ने राज्य सरकार पर 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप भी लगाया.

विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल पूछा कि गौठान योजना के लिए 350 लाख रुपये का आवंटनकिस विभाग से मिला ? कृषि मंत्री ने जवाब दिया कि सेस की राशि आबकारी विभाग ने इकट्ठा की है. यह राशि सरकार के खाते में गई है. जब भी जरूरत पड़ती है, इस राशि का उपयोग किया जाता है. कलेक्शन आबकारी विभाग से हुआ और खर्च कृषि विभाग ने किया.

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सेस की राशि पर उठा सवाल

चंद्राकर ने सवाल उठाया कि जब सेस स्वास्थ्य विभाग की जरूरत के लिए यानी कोविड के लिए लगाया गया था तो उस राशि को किसी और विभाग में खर्च क्यों किया गया? चंद्राकर ने कहा कि 'पूरे छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ सेसइकट्ठा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को सेस की राशि नहीं मिली. जिस विषय में सेस लगाया गया है, क्या वह राशि उस सेस से बाहर खर्च की जा सकती है? कानून के अनुसार सेस की राशि को किसी और विभाग में खर्च नहीं किया जा सकता है. ये बहुत बड़ी अनिमियतता है. 'चंद्राकर ने सरकार पर जनता के पैसे की लूट का आरोप लगाया है.

कृषि मंत्री ने विभाग को प्राप्त राशि और खर्च का पूरा ब्योरा पहले ही दिए जाने की बात कही. विधायक शिवरतन शर्मा ने भी सेस की राशि को खर्च किए जाने का मुद्दा सदन में उठाया. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और वॉकआउट भी किया.

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किसानों की आत्महत्या मुद्दे पर भी बरपा हंगामा

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सवाल किया कि 10 महीने में 141 किसानों ने आत्महत्या की है. इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है. जिन किसानों ने आत्महत्या की है, उनके परिजनों को न्याय मिलना चाहिए. इसकी जांच होनी चाहिए और मुआवजा राशि भी मिलनी चाहिए. मंत्री ने कहा कि हमने बड़ी कर्रवाई करते हुए एक पटवारी को निलंबित किया है.

कृषि मंत्री ने कहा कि ये राजनीति करने का विषय नहीं है. पिछले 15 साल में बहुत से किसानों ने आत्महत्या की है. इससे पहले कभी मुआवजा नहीं दिया गया. आज भी इसका प्रावधान नहीं है. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस पर कोई राजनीति नहीं की जा रही है. मैं बस सहानुभूतिपूर्व कह रहा हूं कि अगर कोई मुआवजा राशि दी जाती है तो उन्हें उपलब्ध कराएं. कोंडागांव के धनीराम की आत्महत्या का मुद्दा भी सदन में उठा. इसके खिलाफ एक पटवारी को निलंबित किया गया. क्या तहसीलदार पर कोई कार्रवाई की जानी चाहिए थी?

कृषि मंत्री ने कहा कि 'राजनांदगांव के सभी कीटनाशक दुकानों में छापा मारा गया था. एक दुकानदार बीजेपी का भी था. किससे संबंधित था, ये मैं नहीं बोलना चाहता.' विपक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जाए.

Last Updated : Feb 26, 2021, 1:37 PM IST

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