रायपुर: छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने 5 दिवसीय कृषि मड़ई मेला का शुभारंभ किया. कृषि मड़ई मेला में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और कृषि वैज्ञानिक सहित हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए. मेले में किसानों से जुड़े कई स्टॉल लगाए गए हैं. साथ ही किसानों के लिए किसान पाठशाला का भी आयोजन किया गया है, जिसमें उन्हें खेतीस, कृषि उपकरण सहित अन्य जानकारी दी जा रही है. Ravindra Choubey targets central government
कोयला संकट पर मंत्री रविंद्र चौबे का केंद्र सरकार को नसीहत, कहा कोल नीति में करे सुधार - डीए
Ravindra Choubey targets central government छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रवि चौबे का कहना है कि केंद्र सरकार को अपनी कोल नीति में सुधार करना चाहिए. रविंद्र चौबे ने यह बयान आज 5 दिवसीय कृषि मड़ई मेला के शुभारंभ के बाद पत्रकारों से चर्चा करते समय आया है. उन्होंने कोयला संकट, डीए बढ़ने और कोल खदानों को लेकर भी अपनी बात रखी.
कृषि मड़ई मेला के शुभारंभ के अवसर पर मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि "यह महत्वपूर्ण आयोजन है. इससे प्रदेश के किसानों को सीधा फायदा होगा. करीब 20 हजार किसान इस आयोजन से जुड़ेंगे. मेले में देश विदेश से कृषि विशेषज्ञ आये हैं. कृषि के नवीन तकनीकों, नवाचारों की जानकारी दी जा रही है. राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी किसान स्टॉलों से ले रहे हैं."
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राज्य के साढ़े 4 लाख से अधिक कर्मचारियों को मिला DA का फायदा: राज्य के कर्मचारियों के डीए बढ़ने पर मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि "राज्य सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों की मांग पूरी कर दी है. राज्य के साढ़े 4 लाख से अधिक कर्मचारियों को फायदा हो गया. सरकार कर्मचारियों के हित का ध्यान रखती है."
सरकार को कोल नीति में सुधार करने की जरूरत: छत्तीसगढ़ में कोयला संकट की खबर पर मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा "छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश भर से ऐसी ख़बरें आ रही हैं. छत्तीसगढ़ भी कोल संकट से प्रभावित है. केंद्र सरकार को कोल नीति में सुधार करने की जरूरत है. छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों को बाहर से कोयला मंगाने की जरूरत पड़ती है, ऐसा नहीं होना चाहिए.
भाजपा और कांग्रेस के बीच कोल खदानों को लेकर सियासत: हसदेव अरण्य में कोल खदानों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच टकराव जारी है. राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से हसदेव क्षेत्र में आबंटित खदानों को रद्द करने की मांग की है. इसमें राजस्थान सरकार को आबंटित कोल खदान भी शामिल है. केंद्रीय कोल मंत्री ने आबंटन निरस्त करने से इंकार कर दिया है. भाजपा और कांग्रेस के बीच इसे लेकर सियासत जारी है.