रायपुर: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने राजनांदगांव के खड़गांव और बोरिया मोकासा में संचालित लौह अयस्क खदान के मालिकों पर आदिवासी श्रमिकों के साथ छल करने का आरोप लगाया है. लगातार हो रहे शोषण और मूलभूत सुविधाओं से वंचित श्रमिकों ने दोनों माइंस में तालेबंदी करने की धमकी भी दी है.
खदानों का संचालन रायपुर की कंपनी शारदा एनर्जी और गोदावरी पॉवर इस्पात द्वारा किया जा रहा है. खदानों के श्रमिकों की मांग है कि माइंस में ठेके के अंदर काम रहे सभी श्रमिकों को नियमित किया जाए. साथ ही और नए मजदूरों की भी भर्ती की जाए. परिवहन का पूरा काम भी आदिवासी परिवहन समिति खड़गांव के अंतर्गत कराया जाए.
श्रमिकों का आरोप है कि साल 2014 में खदान को 12 टन अयस्क के परिवहन का अनुमति मिली थी, लेकिन यहां से रोजाना 100 टन माल का परिवहन किया जा रहा है. वहीं इतने सालों बाद भी खदान मालिकों ने अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी को भुलाते हुए कृषि उपज प्रशिक्षण केन्द्र जैसे कोई भी निर्माण नहीं कराए. भू-जल और जंगलों के दोहन का भी आरोप लगाया गया है.
एक बार फिर आंदोलन के सुर
इसके पहले इन्हीं सभी मुद्दों को लेकर श्रमिकों ने साल 2014 में आंदोलन शुरू किया था. आदिवासी परिवहन समिति ने बताया कि उस दौरान एसपी ने प्रदर्शनकारियों को कार्यालय बुलाकर डराया धमकाया था. इससे घबराए श्रमिकों ने आंदोलन खत्म कर दिया और स्थिति जस की तस बनी रही. अब एक बार फिर आंदोलन के सुर उठने लगे हैं.